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मुंबई हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को झटका देते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी हैं. जिसके बाद अर्णब गोस्वामी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
अपनी गिरफ्तारी के बाद अर्णब ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दो याचिकाएं डाली थी , पहली में तो उन्होंने आपनी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग की और दूसरी में उनके खिलाफ दर्ज हुई FIR को रद्द करने की मांग की है.
अर्णब के वकील अबद पोंड़ा और हरीश साल्वे ने भी कोर्ट में अर्णब की गिरफ्तारी को अवैध करार देने का निवेदन किया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी इस दलील को ठुकरा दिया और तो और पुलिस की डाली गई याचिका, जिसमें अर्णब को कस्टडी में रखने की बात थी उसे भी ठुकरा दिया , लेकिन फिर भी वो पुलिस कस्टडी में हैं.
साल्वे का कहना था कि यह सब महराष्ट्र सरदार द्वारा अर्णब को शांत कराने की एक चाल है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार पहले भी अर्णब पर पालघर साधु हत्या की कवरेज को लेकर, फेक TRP को लेकर, और भी कई सारी बातों को लेकर FIR दर्ज करा चुकी है.
गुरुवार , शुक्रवार और शनिवार को हुई सुनवाई मे बॉम्बे हाई कोर्ट का कहना था कि हम अभी किस हक से अर्णब को जमानत दे सकते है ? , कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर के सेक्शन 439 के तहत उन्हे सेशन्स कोर्ट में जाकर रेगुलर बेल की याचिका दायर करनी होगी.
बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना है कि अर्णब के लिए रेगुलर बेल ही सही रहेगी, और इसलिए उन्होंने अर्णब की याचिका खारिज कर दी. लेकिन उन्होंने अलीबाग सेशंस कोर्ट को यह बात कह दी है कि अर्णब की रेगुलर बेल पर उन्हे 4 दिन के अंदर अंदर निर्णय लेना होगा.
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