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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 के बजट में 1.5 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर से कम के कारोबार वाले दुकानदारों के लिए पेंशन का ऐलान किया है. इसका लाभ ऐसे तीन करोड़ दुकानदारों को मिलेगा. इसे प्रधानमंत्री मान धन स्कीम का नाम दिया गया है.
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इसका ऐलान किया था. मोदी 2.0 की इस योजना का लाभ देश के तीन करोड़ से अधिक खुदरा कारोबारी और दुकानदारों को मिलेगा. अगले तीन साल के दौरान करीब पांच करोड़ दुकानदारों के इस योजना से जुड़ने की उम्मीद है.
योजना का लाभ उठाने के लिए 18-40 वर्ष आयु वर्ग के कारोबारियों को इस योजना में खुद को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. योजना का लाभ उठाने के लिए कारोबारी को अपनी तरफ से कुछ अंशदान देना होगा. और सरकार भी अपनी तरफ से उतना ही अंशदान कारोबारी के खाते में जमा कराएगी. कारोबारी को इसके लिए देशभर में फैले 3.25 लाख कॉमन सर्विस केंद्रों के जरिए खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा. योजना के तहत 3 साल में देशभर से करीब 5 करोड़ छोटे कारोबारियों को रजिस्टर्ड कराएगी.
सरकार ने अपने पिछले कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी थी. सरकार की तरफ से इस फैसले को मंजूरी देने की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि अगले तीन साल के दौरान करीब पांच करोड़ दुकानदारों के इस योजना से जुड़ने की उम्मीद है.
दरअसल दो साल पहले नोटबंदी और इसके बाद जीएसटी के फैसलों ने देश भर में छोटे दुकानदारों का बिजनेस प्रभावित हुआ था. छोटे कारोबारियों में बड़ी तादाद बीजेपी समर्थकों की भी है. इसलिए सरकार पर इन्हें राहत देने का बड़ा दबाव था. विश्लेषकों का मानना है कि सरकार ने इन दो फैसलों से दुकानदारों को हुए नुकसान की भरपाई के संकेत चुनाव से पहले दे दिए थे. यही वजह है कि बजट में छोटे दुकानदारों को पेंशन देने का ऐलान किया गया था.
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