केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम योजनाओं, उज्जवला और सौभाग्य योजना ने ग्रामीण परिवारों का जीवन ही बदल दिया है. उन्होंने कहा, "हम जो कुछ भी करते हैं, उसके केंद्र में हम 'गांव, गरीब और किसान' को रखते हैं."
महात्मा गांधी ने कहा था, भारत की आत्मा इसके गावों में रहती है.’ इस वर्ष, जब हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं, मैं कहना चाहती हूं कि हमारी सरकार अंत्योदय को अपने हर प्रयास के केंद्र में रखती है.निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
उन्होंने कहा कि खाना बनाने वाली गैस के घरों तक पहुंचने में व्यापक प्रसार हुआ है. इस दौरान घरेलू गैस के 7 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन हुए हैं.
गांव-किसान के लिए बजट में क्या है-
- किसानों के 10 हजार उत्पादक संघ बनाए जाएंगे
- 1.95 करोड़ आवास देने की योजना
- गांव के सड़कों पर 80 हजार करोड़ का निवेश होगा
- 1 लाख 25 हजार किलोमीटर सड़क का विस्तार होगा
- 2 करोड़ किसानों को डिजिटल शिक्षा
- कृषि इंफ्रा में निजी निवेश बढ़ाया जाएगा
- जीरो बजट कृषि को बढ़ावा देंगे
- गांव में हर घर तक पानी पहुंचाया जाएगा, जल आपूर्ति प्रबंधन का हासिल करेंगे लक्ष्य
- आवासों में बिजली, शौचालय और गैस कनेक्शऩ के साथ
- 2022 तक हर ग्रामीण परिवार में बिजली कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी.
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2019-20 से 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान मुहैया कराये जाएंगे. इनमें रसोई गैस, बिजली और शौचालयों जैसी सुविधा होगी.
बजट के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, इस बजट से मध्यम वर्ग को प्रगति मिलेगी, विकास की रफ्तार को गति मिलेगी, सरकार ने गरीब-किसान-दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित को सशक्त करने के लिए, सशक्त करने के लिए चौतरफा कदम उठाए.
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