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मोदी सरकार में क्लीन एनर्जी के एजेंडे को तवज्जो को देखते हुए इस बार के बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए दिए जा सकते हैं.सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अगले चार साल का रोडमैप तैयार किया और वाहनों के क्लीन एनर्जी को लेकर एक टाइमलाइन भी तय कर दी है. इसलिए बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार टैक्स में छूट का ऐलान कर सकती है. इसके साथ ही इस इंडस्ट्री को भी कुछ सहूलियतें मिल सकती हैं.
यह छूट इलेक्ट्रिकल व्हेकिल मैन्यूफैक्चरर्स से लेकर व्हेकिल खरीदार तक को मिल सकती है. इलेक्ट्रिक व्हेकिल से जुड़े मामलों के जानकार सरकार अधिकारियों का कहना है कि इन वाहनों पर जीएसटी घटाया जा सकता है. इसके साथ कुछ अन्य सहूलियतें भी दी जा सकती है. अधिकारियों के मुताबिक ये फैसले लिए जा सकते हैं-
सरकार स्पेशल इकोनॉमिक जोन से ऑपरेट कर रहे इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स मैन्यूफैक्चर्स या यूनिट को 2020 के बाद तक भी टैक्स होली डे जारी रख सकती है. इससे विदेशी कंपनियों को भी एसईजेड में व्हेकिल्स मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने का प्रोत्साहन मिलेगा. यहां से ई-व्हेकिल एक्सपोर्ट हो सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 10AA एसईजेड में मौजूद यूनिट से किए गए निर्यात से हुए मुनाफे पर टैक्स छूट मिलती है.
सड़क और राजमार्ग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स और बैटरी से चलने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन फीस खत्म करने का प्रस्ताव दिया है. नीति आयोग ने 2030 के बाद इलेक्ट्रिक व्हेकिल को अनिवार्य करने का रोड मैप तैयार किया है. 2023 तक सभी टू और थ्री व्हीलर्स को इलेक्ट्रिक होना होगा. 2026 तक सभी कॉमर्शियल व्हेकिल इलेक्ट्रिक हो जाएंगे. नीति आयोग वायु प्रदूषण खत्म करने, रोजगार बढ़ाने और तेल और गैस पर निर्भरता खत्म करने के लिए यह रोड मैप लेकर आया है. इसके मुताबिक ई-मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जाएगा.
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