केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 5 जुलाई को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी. इसके पहले आम नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छी खबर है. इस बार बजट में पर्सनल इनकम टैक्स में छूट के दायरे को बढ़ाया जा सकता है. माना जा रहा है कि सरकार कंज्प्शन को बढ़ावा देने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स में छूट का दायरा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख तक कर सकती हैं, जो कि अब तक ढाई लाख रुपए थी. मामले के जानकारों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर ये बात कही, क्योंकि वे इस बारे में सार्वजनिक तौर पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं. हांलाकि इस मामले में अभी आखिरी फैसला नहीं हुआ है.
सरकार का ये टैक्स में छूट देने का कदम सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में धक्का मार सकता है. टैक्स छूट की सीमा बढ़ने से लोगों की खपत बढ़ेगी और इससे प्रोडक्शन को बूस्ट मिल सकता है. अभी ग्रोथ 5 साल के निचले स्तरों पर पहुंच गई है और पहले तीन महीनों में इकनॉमी का ग्रोथ रेट गिरकर 5.8% पर आ गया है.
सरकार की इनकम टैक्स में इस छूट से देश के 5 करोड़ लोगों की 2500 रुपये की बचत होगी. हालांकि ये कदम बजट घाटे को बढ़ा सकता है जो कि अभी जीडीपी का 3.4% है.
सेक्शन 80सी के तहत बढ़ेगी छूट?
वित्त मंत्रालय सेक्शन सेविंग और निवेश के बाद मिलने वाली छूट के दायरे को भी बढ़ा सकती है. ये सेक्शन 80 सी के तहत छूट के नाम से जानी जाती है. अभी ये सीमा 1,50,000 रुपये है.
पिछले बजट में हुआ था ये फैसला
सरकार पिछली सरकार ने टैक्स फ्री इनकम के स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. यानी कि 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं भरने का अब नियम है. मतलब अभी स्टैंडर्ड निवेश करने पर 6.5 लाख रुपये की इनकम वालों को टैक्स नहीं देना है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)