advertisement
बजट 2020-21 ने शेयर बाजार का मूड पूरी तरह बिगाड़ दिया. शनिवार को बजट के दौरान बाजार बुरी तरह गया. कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक वक्त 1000 प्वाइंट गिर गया. आखिरकर सेंसेक्स 987.96 गिर कर 39,735.53 पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 318 अंक गिरकर 11643.80 पर बंद हुआ.
दरअसल बाजार को उम्मीद थी कि सरकार कुछ सेक्टरों के लिए बड़ी राहत का ऐलान करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रियल एस्टेट सेक्टर और ऑटो सेक्टर के लिए बड़ी राहत की उम्मीद थी. ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े पैमाने पर रोजगार मिलता है. लेकिन सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिलने की वजह से इस सेक्टर में कोई खास बेहतरी की उम्मीद नहीं बन रही है. जाहिर है इससे निवेशक निराश हुए और इसका बाजार पर असर पड़ा. देखना होगा कि आगे निवेशक क्या करते हैं?
बाजार की ओर से इस बार बड़ी मांग की थी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG)हटाया जाए. अगर यह हट जाता तो निवेशकों के पास पैसा बचता. यहां तक कि खुद बीजेपी ने सरकार से मांग की थी कि एलटीसीजी और डीडीटी हटे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एलटीसीजी नहीं हटा और निवेशकों में अच्छा संदेश नहीं गया.
सरकार ने बजट से पहले बड़े विनिवेश लक्ष्य के संकेत दिए थे. लेकिन ऐसा भी नहीं. सिर्फ एलआईसी और आईडीबीआई में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का वादा किया है.
बजट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने का ऐलान किया गया है. यह टैक्स डिविडेंड बांटने वाली कंपनियों पर लगता है. इससे सरकारी खजाने पर 25000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. लेकिन अब यह वसूली अब डिविडेंड हासिल करने से होगी. यानी निवेशक पर ही मार पड़ेगी. इसने भी निवेशकों को नाराज किया.
हालांकि,सरकार ने कुछ ऐसे ऐलान किया है, जिससे कुछ निवेशक जुट सकते हैं. जैसे चुनिंदा सरकारी सिक्योरिटीज को NRI के लिए खोलने का वादा किया गया है. नए डेट ETF का प्रस्ताव भी किया गया है. कॉरपोरेट बॉन्डस में विदेशी निवेश सीमा नौ से पंद्रह फीसदी हो जाएगी. NBFC के लिए पूंजी की जरूरतों कम किया है. लेकिन निवेशक के लिए ये बड़े कदम नहीं है.
ये भी पढ़ें : बजट 2020 पर सरकार और विपक्ष नेताओं ने क्या-क्या कहा?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)