वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 160 मिनट के लंबे भाषण के जरिए देश के सामने बजट पेश किया. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने इसे खोखला करार दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, वित्त मंत्री का बजट भाषण इतना लंबा था, वो इसे समझने में असमर्थ रहे.
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है. लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था. इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है.
राहुल गांधी ने कहा-
भारत के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की हालत है. इस पर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं थी. इतिहास में सबसे लंबा बजट था, लेकिन उसमें कुछ था नहीं, खोखला था.राहुल गांधी
हालांकि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इनकम टैक्स स्लैब में छूट देने के सरकार के फैसले की सराहना की. थरूर ने कहा, "एक अच्छी चीज शायद आयकर में दी गई छूट हो सकती है. 12.5 लाख के नीचे की आय वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को इससे राहत मिलेगी. उसके अलावा बजट में कुछ खास नहीं लगा."
बजट पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का कहना है कि इस बजट में नौकरी पैदा करने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, “नौकरी पैदा करने वाले तीन सेक्टर माइनिंग, कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग हैं. इन तीनों सेक्टर के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है.”
वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने देश में राजकोषीय घाटे पर चिंता जाहिर की. सिब्बल ने कहा, "मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि राजकोषीय घाटा 3.8% है. उनको देश को यह भी बताना चाहिए था कि अगर आप यूनियन और स्टेट का घाटा जोड़े तो यह 8% से ज्यादा है जो देश के लिए चिंता की स्थिति है."
बजट में दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम बजट पर सवाल किया कि चुनाव से पहले ही जब बीजेपी दिल्ली को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद अपने वादे निभाएगी?
क्या ये एक युग का अंत है: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी कंपनियों में विनिवेश को लेकर हैरानी जताई है. उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, ''मैं सार्वजनिक संस्थानों की धरोहर और विरासत को निशाना बनाए जाने की केंद्र सरकार की योजनाओं को देखकर हैरान हूं. यह सुरक्षा की भावना का अंत है. क्या यह एक युग का अंत है?"
बजट पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “बीजेपी सरकार इस बात से गुरेज करती है कि अर्थव्यवस्था को एक वैश्विक आर्थिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. मंदी और तालाबंदी इस सरकार की पहचान बन गई है. पिछली 6 तिमाहियों में विकास दर लगातार गिरकर 5 प्रतिशत से कम हो गई है.”
अखिलेश ने बजट को कहा दिवालिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बजट की आलोचना की है. उन्होंने ने कहा है कि दिवालिया सरकार का दिवालिया बजट गरीबों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आएगा. शिक्षा के क्षेत्र में भी युवकों के लिए कोई खास योजना नहीं है.
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा था, ''किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है. कृषि विकास दर दो फीसदी हो गयी है.
मोदी सरकार के नेताओं ने क्या कहा?
मोदी सरकार के सभी नेताओं और मंत्रियों ने बजट 2020 की सराहना की है. पीएम मोदी ने कहा, "किसान की आय दोगुनी हो, इसके प्रयासों के साथ ही, 16 एक्शन प्वाइंट्स बनाए गए हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाने का काम करेंगे."
गृहमंत्री अमित शाह ने बजट को किसानों, गरीबों, वेतनभोगी मध्यम वर्ग और व्यवसायी वर्ग के लोगों के लिए कल्याणकारी बताया है. साथ ही पीएम मोदी और वित्तमंत्री को इसके लिए बधाई दी है.
महाराष्ट्र पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि सरकार ने अगले दशक का रोडमैप इस बजट में दिया हुआ है. उन्होंने कहा, “ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है, देश के सामने जो चुनौतियां थी उन चुनौतियों को समझकर अगले दशक का एक प्रकार से रोडमैप इस बजट में दिया हुआ है.”
केंद्रीय मंत्री समृति इरानी ने कहा, "Textile इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक बजट है. आज एंटी डंपिंग जो MMF सेक्टर की बहुत बड़ी चुनौती थी उसका समाधान देने के लिए मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त करती हूं. टैक्स में राहत मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए दिवाली से कम नहीं."
वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बजट को प्रैक्टिकल, परफोर्मिंग और पीपल फ्रेंडली कहा है. उन्होंने कहा, “ये बजट प्रैक्टिकल, परफोर्मिंग और पीपल फ्रेंडली बजट है, हम तूफान से कश्ती निकाल कर लाए हैं, जिस तरह की स्थिति थी, इस बजट में गांव, गरीब, किसान, खेत-खलियान, नौजवान सबका ध्यान रखा गया है। यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला बजट है.”
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