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केंद्र सरकार ने नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. इस बारे में रेवेन्यू सेक्रेटरी अजय भूषण पांडे ने बताया, ''हमने इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव किए हैं, जहां अगर एक भारतीय नागरिक 182 दिन से ज्यादा देश के बाहर रहता है तो वह नॉन रेजिडेंट बन जाता है...अब नॉन-रेजिडेंट बनने के लिए उसे 240 दिन देश से बाहर रहना होगा.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा,
इसका मतलब ये हुआ कि जो भारतीय किसी भी देश में टैक्स नहीं दे रहे अगर वो भारत के टैक्स ब्रेकिट में आते हैं, तो उन्हें भारत में टैक्स देना होगा.
इसके अलावा सरकार ने साफ किया है कि, इस प्रस्ताव के तहत जिस भारतीय को भारत का निवासी माना जाएगा, उसकी देश से बाहर कमाई गई इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन, अगर उसकी इनकम किसी भारतीय व्यापार या नौकरी के जरिए आती है तो उस पर टैक्स लगेगा.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया है. इस बजट में उन्होंने भारतीयों के लिए नयी टैक्स व्यवस्था पेश की है. इसके तहत, 15 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले उन टैक्सपेयर्स को कम दर पर इनकम टैक्स देना होगा जो पुरानी व्यवस्था के तहत मिल रही छूट और कटौतियों का त्याग कर देंगे.
नए वैकल्पिक टैक्स ढांचे में 30 फीसदी की उच्चतम दर 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर लागू होती है, जबकि पहले से चल रहे ढांचे में 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय 30 फीसदी के टैक्स रेट के तहत आती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करने के दौरान कहा कि नई टैक्स व्यवस्था वैकल्पिक है और टैक्सपेयर चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी टैक्स व्यवस्था में रह सकते हैं.
सीतारमण ने कहा कि पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को पुरानी या नई दोनों टैक्स व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना होगा.
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, "व्यक्तिगत करदाताओं को राहत देने और आयकर कानून को सरल बनाने के लिए मैं एक नई और सरल व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव कर रही हूं. इसमें छूट और कटौतियों को छोड़ देने वाले करदाताओं को कम दर पर कर देना होगा."
पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट और कटौतियों की करीब 100 व्यवस्थाएं हैं, नई टैक्स व्यवस्था में 70 तरह की छूट और कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव है, आगे चलकर बाकी बची छूट और कटौती पर समीक्षा और जांच-पड़ताल की जाएगी.
नई टैक्स व्यवस्था में कुछ कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव किया गया है. इनमें आवास भत्ता (एचआरए), मानक कटौती, आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत (बीमा प्रीमियम, भविष्य निधि एवं कई पेंशन योजनाओं में योगदान) मिलने वाली छूट शामिल है.
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