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100 की कमाई पर 97 रूपए का टैक्स! कभी देश में ऐसा भी होता था

साल 1949-50 में पहली बार आजाद भारत में इनकम टैक्स में बदलाव किया गया

क्विंट हिंदी
आम बजट 2022
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साल 1949-50 में पहली बार आजाद भारत में इनकम टैक्स में बदलाव किया गया
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साल 1949-50 में पहली बार आजाद भारत में इनकम टैक्स में बदलाव किया गया
(फोटो: द क्विंट)

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आप सौ रुपए कमाएं और आपसे सरकार 97 रुपए टैक्स में मांग ले तो? ऐसा हो सकता है अगर आपको इसका यकीन नहीं है तो हम आपको बताते हैं कि ये हो चुका है और इसी देश में हो चुका है. भारत में इनकम टैक्स का इतिहास 159 साल पुराना है. सर जेम्स विल्सन ने साल 1860 में भारत को पहला इनकम टैक्स एक्ट दिया था. आजादी के समय साल 1947 में जब अंतरिम बजट पेश किया गया, तब पुराने इनकम टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया. देखिए उसके बाद कब और कैसे बदलता गया इनकम टैक्स.

साल 1949-50 में पहली बार आजाद भारत में इनकम टैक्स में बदलाव किया गया. तब से लेकर अबतक कई बार इसमें बदलाव हुए. यहां हम आपको इसी बदलाव के बारे में बता रहे हैं...

साल 1949-50

साल 1949-50 में वित्त मंत्री जॉन मथाई ने इनकम टैक्स के पहले स्लैब में 10,000 रुपए सालाना तक की कमाई पर 1 आने के चौथाई हिस्से तक टैक्स घटा दिया. दूसरे स्लैब में 2 आने से 1/9 पाइ तक टैक्स घटा दिया. तब एक आना की वैल्यू 1/16 रुपया थी.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 1974-75

साल 1974-75 में वाई बी चव्हाण ने मैक्सिमम मार्जिनल रेट 97.75% से घटाकर 75% करने का ऐलान किया. 6000 रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगाया. सभी केटेगरी के लिए सरचार्ज रेट 10% तय कर दिया.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 1985-86

तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह ने साल 1985-86 में इनकम टैक्स स्लैब्स 8 से घटाकर 4 कर दिए. 18,000 रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगाया. इसके ऊपर 25000 रुपये तक 25 फीसदी टैक्स लगाया.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 1992-93

साल 1991 में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बने. साल 1992-93 में उन्होंने टैक्स स्लैब्स घटाकर 3 कर दिए. 30000 रुपये तक कमाई पर टैक्स से छूट दे दी.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 1994-95

साल 1994-95 में मनमोहन सिंह ने टैक्स स्लैब्स में बदलाव किए, लेकिन रेट वही रखे.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)
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साल 1997-98

साल 1997-98 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 'ड्रीम बजट' पेश किया. इनकम टैक्स रेट के साथ-साथ स्लैब्स में बदलाव किया. स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 20,000 की गई. सालाना 75,000 कमाकर 10% पीएफ में देने वालों को टैक्स से छूट देने का ऐलान किया.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 2005-06

साल 2005-06 में पी चिदंबरम इनकम टैक्स स्लैब में और बदलाव कर दिए. 1 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देने का ऐसान किया.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 2010-11

साल 2010-11 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी इनकम टैक्स स्लैब्स में बदलाव किए. उन्होंने 1.6 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 2012-13

साल 2012-13 में प्रणब मुखर्जी ने छूट की सीमा और टैक्स स्लैब में फिर बदलाव किया. 2 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 2014-15

फाइनेंस बिल 2015 के पास होते ही वेल्थ टैक्स खत्म हो गया. अरुण जेटली ने वेल्थ टैक्स की जगह सुपर-रिच पर 2% सरचार्ज लगा दिया. सुपर रिच मतलब 1 करोड़ से ज्यादा की इनकम.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

साल 2017-18

साल 2017-18 में अरुण जेटली ने 2.5 से 5 लाख की इनकम पर टैक्स 10% से घटाकर 5% कर दिया.

(ग्राफिक्स: Erum Gour)

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