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वीडियो एडिटर- संदीप सुमन
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में नारा दिया था 'हाउसिंग फॉर ऑल बाय 2022'. अब इसकी डेडलाइन को पूरा होने में सिर्फ 3 साल बचे हैं. मोदी सरकार और भी बड़े जनादेश के साथ इस बार चुनकर आई है. सरकार अपना पहला बजट 5 जुलाई को पेश करने वाली है. ऐसे में इस रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लोगों बिल्डर्स, ब्रोकर्स और होमबायर्स की इस बजट से क्या उम्मीदें हैं. ये जानने की कोशिश करते हैं.
ट्रैक 2 रियल्टी के सीईओ रवि सिन्हा बताते हैं कि इस बजट में हमें फैंस सीटिंग बायर को देखने की जरूरत हैं. जब हम एसपाइरिंग बायर की बात करते हैं. तो जिस मुद्दे पर कहीं बात नहीं हो रही है वो है कि रोजगार पैदा करने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है.
घर खरीदने की चाहत रखने वाले गौरव प्रकाश की इस बजट से उम्मीद है कि होमलोन पर मिलने वाली छूट में इजाफा हो.
देशभर के 7 बड़े शहरों में करीब 5 लाख घर फंसे पड़े हैं. घर खरीदारों की मांग है फंसे हुए प्रोजेक्ट्स के लिए 10,000 स्ट्रेस फंड जारी करे.
रियल एस्टेट इंडस्ट्री में डेवलपर्स की अपनी दिक्कतें हैं. रेरा और जीएसटी आने के बाद से कारोबार करना कठिन हो गया है. बिल्डर्स को कर्ज लेने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. रियल एस्टेट में कामकाज करने वालों की मांग है उनके इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाए.
प्रापर्टी एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा NBFC संकट है. कर्ज न मिलने की दिक्कत जब तक खत्म नहीं होगी. जब तक डेवलपर को फंड आसानी से और कम ब्याज दर पर नहीं मिलेगा तब तक काम करना मुश्किल होता है अभी भी डेवलपर को 16-18% पर कर्ज मिलता है तो उसके लिए प्रोजेक्ट पूरा करना मुश्किल हो जाता है.
प्रॉपर्टी एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा के मुताबिक अटके हुए प्रोजेक्ट्स बैंकों के हवाले छोड़ दिए जाएं तो ये ठीक नहीं है. सरकार को इसके समाधान के लिए एक फंड डालना पडे़गा
बजट में रियलिटी सेक्टर को बूस्ट मिला तो चौतरफा फायदा होगा. ये सेक्टर भारी संख्या में रोजगार देता है. तो इससे रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे. हेवी इंडस्ट्री की मांग बढ़ेगी. कुल मिलाकर ये सेक्टर बढ़ा तो पूरी इकनॉमी को फायदा होगा.
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