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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश का आम बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण का ये चौथा आम बजट था और उनके चारों बजट में ये अब तक का सबसे छोटा भाषण था जो 90 मिनट में खत्म हो गया.
वित्त मंत्री के इस छोटे भाषण के बाद कई बड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. हम आपके लिए कुछ चुनिंदा एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रियाओं को लेकर आए हैं.
वजीरएक्स की सीईओ निश्चल शेट्टी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मनीकंट्रोल से कहा कि,
कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक ने कहा कि "बजट: आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए विश्वास आधारित प्रयास है. ये करदाताओं, उद्यमियों, निवेशकों में विश्वास को दर्शाता है. 25 साल की दृष्टि के साथ एक खुला, डिजिटल और समावेशी भारत बनाएं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है."
दिग्गज कारोबारी हर्ष गोयंका ने कहा कि आज का बजट पूंजीगत व्यय, डिजिटल और कल्याण पर केंद्रित है - मैं स्पष्ट रूप से भविष्य की कल्पना कर सकता हूं. आज का शब्द - बजट एडिशन
टाइड के सीईओ गुरजोधपाल सिंह ने कहा कि "डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम के लिए वित्तीय सहायता एक स्वागत योग्य कदम है और ये आगे भारत सरकार के डिजिटल बैंकिंग को आगे बढ़ाता है. डिजिटलीकरण को बढ़ावा इसे इकोसिस्टम में अधिक समावेशी बनाने के लिए रास्ता बनाएगा. 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर फोकस एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था में उद्यमिता को और बढ़ावा देगा."
ट्रूबिकन और जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ ने कहा, "कभी-कभी उबाऊ अच्छा होता है- एक बाजार से, निवेशक या व्यापारी के लिए कुछ भी नहीं बदला है, इसलिए यह बड़े पैमाने पर शेयर बाजारों के लिए एक गैर-घटना के रूप में सामने आएगा. यह एक सकारात्मक कदम है, यह देखने के लिए कि यह बजट डीजिटल करेंसी को विनियमित करने के लिए कदम उठाएगा."
इ-कॉमर्स कंपनी मीशो के CEO विदीत अटारे ने कहा कि "2022 का केंद्रीय बजट दूरदर्शी और समावेशी है और एक आकांक्षी भारत के लिए रोडमैप देता है. कुल मिलाकर सरकार की विकास कैपेक्स घोषणा पूरी अर्थव्यवस्था के लिए पहियों को आगे बढ़ाएगी"
साहिकोइन के सह-संस्थापक मेलबिन थॉमस ने कहा, डिजिटल रुपया (CBDC) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा. यह कुशल और सस्ती मुद्रा के मुद्दों और संचलन को सक्षम करेगा. यह न केवल डिजिटल इंडिया की जीत है, बल्कि ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने, नवाचार, मौद्रिक दक्षता और एक मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए नए दरवाजे खोलने की भी है. "
स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्व सचिव के. सुजाता राव ने ट्वीट किया, 'स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए निराशाजनक बजट. याद रखने की जरूरत है कि अगर लोग अनपढ़ और बीमार हैं तो सड़कों और बंदरगाहों का कोई मतलब नहीं है! और खराब स्वास्थ्य प्रणाली के कारण हमें जो आघात पहुंचा है, उसके बाद इन मानव क्षमता क्षेत्रों के लिए ऐसा तिरस्कार केवल गैर-जिम्मेदाराना है.''
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