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देशभर में अलग-अलग बैंकों के लगभग 30 लाख डेबिट कार्ड के डीटेल्स चोरी होने की खबरें आ रही हैं. ये कार्ड्स ऐसे एटीएम पर इस्तेमाल किए गए हैं, जहां से मालवेयर (एक प्रकार का सॉफ्टवेयर) के जरिए सूचनाएं चोरी की गई हैं.
जानकारों का कहना है कि देश के वित्तीय आंकड़ों की सुरक्षा में यह अब तक की सबसे बड़ी सेंधमारी है. वहीं इनमें से कुछ कार्ड का चीन के कुछ जगहों पर इस्तेमाल होने की भी खबरें हैं.
आ रही खबरों की मानें, तो हिटाची पेमेंट सर्विस सिस्टम से जुड़े एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों के पिन चोरी हुए हैं. हिटाची पेमेंट सर्विस यस बैंक के लिए ATM नेटवर्क चलाती है. हालांकि यस बैंक का ATM नेटवर्क बहुत छोटा है, लेकिन इन मशीनों से थर्ड पार्टी ट्रांजक्शन के कारण कई बैंक प्रभावित हुए हैं. मई और जुलाई में यह परेशानी सबसे पहले सामने आई थी.
पीटीआई के मुताबिक, रेग्युलेटरी संस्था का कहना है, ''प्रभावित सिस्टम की जांच की गई है और जिन कार्डों के डीटेल्स चोरी हुए हैं, उनकी पहचान की जा चुकी है. साथ ही बैंक अपने स्तर पर सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है. इस घटना ने RBI को भी अपने रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क का समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है. आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह तुरंत इस फ्रॉड के बारे में उसे सूचित करें. इस जानकारी को बिना पहचान उजागर किए अन्य बैंकों के साथ भी साझा किया जाएगा.''
इसी खतरे के चलते देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने लाखों कस्टमर्स के कार्ड ब्लॉक कराकर, उन्हें नए कार्ड देने की योजना बनाई है, वहीं एचडीएफसी सहित अन्य बैंकों ने अपने कस्टमर्स से कार्ड के पिन नंबर जल्द से जल्द बदलने के लिए कहा है. साथ सभी कस्टमर्स से अपने एटीएम को ही इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
'हिंदू बिजनेस लाइन' के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से सिक्योरिटी समस्या वाले एटीएम ब्लॉक कर नए कार्ड मुहैया कराने के लिए कहा है. हालांकि इस समस्या से प्रभावित डेबिट कार्डों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन यह पूरे देश में इस्तेमाल हो रहे कार्डों के आधे प्रतिशत से भी कम है.
RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी पूरे देश में लगभग 60 करोड़ ATM कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
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