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इंडिया के बिजनेस टाइकून अजीम प्रेमजी को आज हर कोई सबसे बड़े दानवीर के तौर पर जानता है. उनकी उदारता के लिए उन्हें जाना जाता है. लेकिन हाल ही में उन्होंने इतनी बड़ी रकम दान कर दी जिसने उन्हें वॉरेन बफेट और बिल गेट्स जैसे लोगों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया. अजीम प्रेमजी ने हाल ही में लगभग 53 हजार करोड़ रुपये दान किए थे.
अजीम प्रेमजी ने अपने विप्रो शेयर की 34% हिस्सेदारी दान कर दी है. जिसकी कीमत लगभग 53 हजार करोड़ रुपए है. इसी के साथ ही अजीम प्रेमजी भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा दान करने वाले व्यक्ति बन गए हैं. उनके इस बड़े डोनेशन से दान ट्रस्ट, जो कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की एक्टिविटीज को सपोर्ट करता है वो लगभग 1.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
प्रेमजी ने जितना भी दान किया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह पूरी रकम पांच सालों में भारत के प्राइवेट सेक्टरों के सोशल कॉज के लिए जुटाई गई रकम से भी दोगुनी है.
भारत में सोशल कॉज के लिए होने वाली ज्यादातर प्राइवेट फंडिंग प्रेमजी जैसे लोगों से ही आती है. लेकिन 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक अगर उनके दान को इस सोशल फंडिंग से निकाल दिया जाए तो पिछले पांच सालों में व्यक्तिगत फंडिंग में लगभग 4 प्रतिशत तक की कमी आई है.
साल 2017-18 की बात करें तो भारत में सोशल कॉज के लिए व्यक्तिगत दान करने वालों में 80 प्रतिशत शेयर प्रेमजी का है.
यह काफी चौंकाने वाली बात है कि प्रेमजी का व्यक्तिगत दान पिछले पांच सालों में इंडियन कॉर्पोरेशंस के सामाजिक जिम्मेदारी के तौर पर दिए गए दान का एक तिहाई है.
प्रेमजी का यह कुल दान उस आंकड़े से भी काफी करीब है जो भारत सरकार ने सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए साल 2017-18 में खर्च किया.
ये आंकड़े काफी बड़े लगते हैं, लेकिन ये भारत के समाजिक क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं हैं. बैन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भुखमरी मिटाने, अच्छे स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, लैंगिक समानता और साफ पानी के लिए भारत को हर साल 26 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है.
मौजूदा हालत में भारत को अभी भी हर साल 4.2 लाख रुपये की कमी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक यह कमी दो से चार गुना बढ़ सकती है.
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