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Metal Stocks Crash: मंगलवार 24 मई को भी मेटल शेयरों में कमजोरी देखी जा रही है. टाटा स्टील (Tata Steel) के शेयर करीब 1.5% कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे हैं. टाटा स्टील के स्टॉक का भाव मात्र दो दिनों में 1174 रुपए से घटकर करीब 1000 रुपए हो गया है. कल सोमवार को टाटा स्टील के शेयर में 13% की गिरावट दर्ज की गई थी. मतलब महज दो दिनों में टाटा स्टील का शेयर करीब 15% टूट चुका है.
कल सोमवार 23 मई को मेटल शेयर्स (Metal Shares) भारी सेलिंग प्रेशर के चपेट में रहे थे. बाजार खुलने के कुछ मिनटों के अंदर ही टाटा स्टील (Tata Steel), सेल (SAIL) और जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के शेयर ने अपने-अपने लोअर सर्किट (Lower Circuit) हिट कर दिए. लोअर सर्किट का मतलब होता है एक दिन में वो शेयर उससे अधिक नहीं गिर सकता है.
सोमवार 23 मई को टाटा स्टील के शेयर एक ही दिन में 12.6% गिर गए. टाटा स्टील का स्टॉक 147 रुपए टूटकर ₹1023 पर बंद हुआ था. इसी तरह JSW स्टील और SAIL के शेयर में भारी बिकवाली का दबाब रहा. JSW स्टील का शेयर 83 रुपए (13.24%) कमजोर होकर ₹547.5 पर और SAIL करीब 11% की गिरावट के साथ ₹73.95 पर क्लोज हुआ था.
आइये देखते हैं क्यों सभी बड़े मेटल कंपनियों के शेयर अचानक से 10-15% टूट गए और अब निवेशकों को क्या करना चाहिए-
मेटल शेयर्स में इस भारी गिरावट की वजह भारत सरकार का एक फैसला है. भारत सरकार ने शनिवार को स्टील बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे पदार्थ जैसे आयरन ओर (iron ore) और pallets के निर्यात पर भारी भरकम एक्सपोर्ट ड्यूटी (Export Duty) लगाने का फैसला लिया है.
लौह अयस्क के सभी ग्रेड पर निर्यात शुल्क को पहले के 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा, सरकार ने हॉट-रोल्ड और कोल्ड-रोल्ड स्टील उत्पादों पर 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है, जिसपर पहले किसी भी तरह का निर्यात शुल्क नहीं लगाता था. वहीं, सरकार ने PCI, मेट कोल और कोकिंग कोल जैसे कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती की है.
सरकार ने ये फैसला बढ़ती महंगाई को कंट्रोल में करने के लिए लिया है. रिलायंस के एनालिस्ट कुणाल मोतिशॉ ने कहा कि- "स्टील पर निर्यात शुल्क से घरेलू मार्केट में स्टील की सप्लाई बढ़ेगी, जिससे इसकी कीमतों में गिरावट होने की उम्मीद है".
इस फैसले के बाद स्टील कंपनियों को निर्यात करने पर भारी भरकम निर्यात शुल्क देना पड़ेगा. इस वजह से स्टील कंपनियों जिनका इंडिया के बाहर बहुत बड़ा कारोबार है, उनके बिजनेस पर इस फैसले का सीधा असर पड़ेगा.
स्टील इंडस्ट्री के कंपनियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस कदम से निवेशकों को नकारात्मक संकेत मिलेगा और पीएलआई योजना के तहत क्षमता विस्तार परियोजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने अपनी रिपोर्ट में इस फैसले को स्टील इंडस्ट्री के लिए काफी नेगेटिव बताया और टाटा स्टील, JSW स्टील और जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड (JSPL) पर अपनी रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया है. इसी तरह आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी टाटा स्टील, JSPL, SAIL और JSW स्टील पर अपनी रेटिंग को घटाया.
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