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कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लाए गए लॉकडाउन के समय हमने कई अनोखी तस्वीर देखी. कोई रसोई, कोई सिनेमा जबकि कोई अपने नए शौक में लग गया था. इसी समय, जब एक तरफ लोग आर्थिक संकट से भी जूझ रहे थे, दूसरी तरफ ज्यादा जोखिम भरा समझा जाने वाला शेयर बाजार नए युवा निवेशकों को काफी लुभाने लगा था. आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना से बुरी तरह प्रभावित रहे 2020 में लोगों ने इक्विटी मार्केट निवेश की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए.
बीते महीनों में भारतीय शेयर बाजार में पहली बार निवेश कर रहे इन्वेस्टर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. उपलब्ध डाटा के मुताबिक केवल साल 2020 में ही करीब 1 करोड़ 40 लाख लोगों ने शेयर बाजार में व्यापार के लिए जरूरी डीमैट अकाउंट खुलवाए हैं. इससे पहले के सालों में यह आंकड़ा 50 लाख तक भी नहीं पहुंचा था. बढ़ते रिटेल (छोटे) निवेशकों के निवेश से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE में लिस्टेड कंपनियों में रिटेल हिस्सेदारी 2020 की तीसरी तिमाही में 9% से ज्यादा हो गई. यह मार्च 2018 के स्तरों के बाद सर्वाधिक है.
जल्दी से जल्दी और मोटी कमाई आखिर किसे नहीं पसंद.
लॉकडाउन के खाली समय ने लोगों को बाजार समझने का अच्छा अवसर दिया. दूसरे निवेश के विकल्पों जैसे बैंकों से कम होते इंटरेस्ट दरों का भी इसपर बड़ा असर रहा. हाल में ब्रोकरेज को लेकर भी कम्पटीशन काफी बढ़ा है. इससे निवेशकों को बेहतर, किफायती निवेश और आसान KYC नियमों का विकल्प मिला है. यूट्यूब और विभिन्न सोशल मीडिया पर आसानी से उपलब्ध जानकारी ने नए निवेशकों को मदद दी है. युवाओं और खासकर छोटे शहरों के नए निवेशकों द्वारा इन्वेस्टमेंट ट्रेंड का कारण मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं का विस्तार भी है.
लॉकडाउन के दौरान इक्विटी बाजारों में दिखी बड़ी रुचि अब तक जारी है. जनवरी, 2021 में CDSL ने करीब 14 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं. यह बीते वर्ष जनवरी की संख्या का करीब 3 गुणा है. इस वर्ष फरवरी में भी 13 लाख से ज्यादा लोगों ने CDSL के साथ खाते खुलवाए हैं. कोरोना से उबरती अर्थव्यस्था के इस समय में बाजार में अच्छी तेजी से भी निवेशकों का आकर्षण इस ओर बढ़ा है. एक्सपर्ट्स बाजार में बढ़ती इस रुचि का श्रेय SEBI को भी देते हैं. अच्छे रेगुलेशन से निवेशकों का इक्विटी मार्केट में भरोसा सुदृढ़ हुआ है.
भारत में बढ़ रहे निवेशकों की तादाद के बावजूद भी हम इक्विटी निवेश में ज्यादातर देशों से काफी पीछे है. ब्लूमबर्ग द्वारा विभिन्न स्त्रोतों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर, 2020 के मुताबिक भारत में हाउसहोल्ड एसेट का 48% प्रॉपर्टी में था. इसके बाद सबसे ज्यादा 17% एसेट सोने के रूप में है. बैंक जमा कुल एसेट का 16%, इंश्योरेंस-पेंशन फंड 11%, जबकि कैश 4% है. इक्विटी मार्केट में इस तरह केवल 4% है. अमेरिका में 55% लोग इक्विटी बाजार में या तो सीधे तौर पर या म्यूचुअल फंड के रास्ते संलग्न हैं. चीन में यह 12.7% से भी ज्यादा है. आने वाले दिनों में उम्मीद की जा रही है कि भारत अपने कुल आबादी के करीब 3.7% की अपनी वर्तमान संख्या से तेजी से आगे बढ़े.
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