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कोरोना (Corona) की मारी दुनिया को मंदी (Recession) आंखें दिखा रही है. IMF, वर्ल्ड बैंक (World Bank), RBI समेत तमाम बड़ी संस्थाएं भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा रही हैं. जाहिर तौर पर आगे खतरा बड़ा है. ऐसे में नौकरी तलाशने जा रहे स्टूडेंट, छोटे कारोबारी, शेयर बाजार के निवेशक और घर चलाने वाला एक आम इंसान क्या सावधानियां बरते कि वो आर्थिक संकट में ना पड़े? रुपैया पैसा में आज इसी पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे.
लेकिन पहले हफ्ते की वो सुर्खियां जो आपकी जेब पर असर डालती हो-
रिजर्व बैंक ऑफ इडिया ने घोषणा कर दी है कि वह अपनी एक डिजिटल करेंसी ई-रुपये जारी करेगा. वह जल्द ही ई-रुपये पर पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाला है. RBI ने फिलहाल इसके फीचर्स और बेनेफिट्स के बारे कुछ नहीं बताया है. लेकिन क्या ई-रुपये बाकी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर समस्या खड़ी कर देगा, क्या बाकी डिजिटल करेंसी पर सरकार कोई सख्त फैसला लेगी, ये सवाल है.
फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजारों में 2400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है जबकि सितंबर में 7600 करोड़ रुपये से अधिक पैसा निकाला है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान ने न्यूज 18 को बताया कि, ‘‘अमेरिका में रोजगार के अवसरों में गिरावट और ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में उम्मीद से कम की वृद्धि के बीच निवेशकों का मानना है कि वैश्विक दरें जल्द चरम पर पहुंच जाएंगी. हालांकि, तब तक एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा.’’
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की 7 कंंपनियों का सामूहिक रूप से मार्केट कैप पिछले हफ्ते के कारोबारी सत्र के दौरान 1 लाख करोड़ रुपये बढ़ा, इसमें रिलायंस इंडस्ट्री, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. इसके अलावा इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस फायदे में रहे और सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुस्तान युनिलिवर को हुआ है, इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और भारती एयरटेल भी घाटे में रहे. ध्यान रहे ये सारी कंपनिया बीएसई की टॉप 10 कंपनियां हैं.
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने फिर ऐलान किया कि वे ट्विटर को उसी दाम में खरीदेंगे जिस डील को उन्होंने पहले रद्द कर दिया था यानी 44 बिलियन डॉलर्स में. लेकिन ट्विटर ने अमेरिकी अदालत में मस्क के खिलाफ केस कर दिया था जिसकी सुनवाई 17 अक्टूबर को होने वाली थी, अब मस्क ने कोर्ट से कहा कि सुनवाई पर रोक लगाई जाए. कोर्ट ने मस्क की अर्जी को स्वीकार करते हुए कहा कि 28 अक्टूबर तक इस डील पर मुहर लग जानी चाहिए.
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने वित्त वर्ष 2023 के लिए तीसरी बार ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को घटा कर 2.9% कर दिया है और कहा है कि दुनियाभर में मंदी का खतरा बढ़ रहा है क्योंकि लोगों की इनकम घट रही है और महंगाई बढ़ रही है. वर्ल्ड बैंक ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 1% से घटा दिया है और कहा है कि भारत में कोरोना की वजह से 2020 में गरीबों की संख्या बढ़कर 5.5 करोड़ से ज्यादा हो गई है.
अब मंदी का मुकाबला कैसे करें. सबसे पहले घर का बजट ना बिगड़े इसके लिए क्या कर सकते हैं. कई छोटे व्यापारी या कारोबारी कोरोना की मार से नहीं उबरे थे कि वे अब मंदी के खतरे को लेकर परेशान हैं. कौन सी जरूरी बातें हैं जो इन कारोबारियों को ध्यान में रखनी चाहिए ताकि आने वाले समय में आर्थिक तंगी से ये बच सकें. एक तरफ महंगाई बढ़ रही है तो दूसरी तरफ नौकरियां नहीं मिल रही हैं, मिल भी रही हैं तो महंगाई की तुलना में वेतन नहीं बढ़ता ऐसे में जॉब मार्केट में जाने वाले स्टूडेंट किन बातों का ख्याल रखें. ज्यादा महंगाई और कम रोजगार के दुश्चक्र को पार करता हुआ कोई कुछ पैसे बचा लेता है तो निवेश के बारे में सोचता है. जाहिर है इस गाढ़ी कमाई को शेयर बाजार में लगाने से पहले इंसान लाख बार सोचता है. तो क्या सावधानियां बरते. बता रहे हैं अर्थशास्त्री शरद कोहली.
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