दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर (Twitter) को लेकर एक बार फिर अपना मन बदल लिया है. मस्क ने फिर से ट्विटर को उसी दाम में खरीदने की पेशकश की है, जिस दाम पर वे कुछ महीने पहले ट्विटर को खरीदना चाहते थे. लेकिन उस डील को मस्क ने ही रद्द कर दिया था. लेकिन इसके लिए मस्क ने एक शर्त रखी है. शर्त ये है कि ट्विटर द्वारा उनपर किए गए मुकदमें को रद्द कर दिया जाए.
एक बार फिर मस्क की इस पेशकश ने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं. इस डील में अब तक क्या क्या हुआ? मस्क क्या चाह रहे हैं और आगे क्या हो सकता है. यह समझने की कोशिश करते हैं.
मस्क ने एक बार फिर ट्विटर को खरीदने की पेशकश की
मगंलवार को मस्क ने ट्विटर को लिखे एक पत्र में कहा है कि वे ट्विटर को उसी दाम में खरीदने चाहते हैं, जिस दाम में डील पक्की हुई थी. बता दें कि डील 44 बिलियन डॉलर में पक्की हुई थी, इसे 3.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा माना जा सकता है. इस खबर के बाद ट्विटर के शेयर्स में बड़ा उछाल आया और इसका प्रति शेयर अब 52 डॉलर के आसपास कारोबार कर रहा है.
एएफपी के अनुसार, ट्विटर ने इस बात की पुष्टि की है कि उसे मस्क द्वारा पत्र भेजा गया है और कहा है कि मस्क 54.20 डॉलर प्रति शेयर की कीमत पर ट्विटर को खरीदने का इरादा रखते हैं.
मस्क के पत्र में जिन शर्तों का उल्लेख किया गया है उनमें यह भी शामिल है कि अदालत उनके खिलाफ मुकदमे में कार्रवाई को रोक दे. बता दें कि इस मामले में अगली बार 17 अक्टूबर को सुनवाई होने वाली है. लेकिन उसस पहले मस्क ने ट्विटर को फिर से खरीदने की पेशकश कर दी है.
एलन मस्क और ट्विटर के बीच क्या डील हुई, पूरा मामला क्या है?
इस पूरे मामले की शुरुआत अप्रैल 2022 में हुई जब मस्क ने ट्विटर में 9.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की. ट्विटर ने तुरंत इसके बाद मस्क को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल करने की पेशकश की. इस प्रस्ताव को पहले तो मस्क ने स्वीकार कर लिया था लेकिन हफ्तेभर बाद ही मस्क ने अपना मन बदल लिया.
हालांकि बाद ने मस्क ने घोषणा कर दी कि वह पूरी ट्विटर कपनी को ही 44 बिलियन डॉलर में खरीदना चाहते हैं. इस बात पर ट्विटर ने सहमति जता कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, एग्रीमेंट भी हुआ, लेकिन फिर यहीं से सबकुछ बिगड़ता चला गया.
मस्क ने ट्विटर पर आरोप लगाना शुरू कर दिया. आरोप था कि ट्विटर मस्क को फर्जी बॉट्स के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहा है. इसी कारण से मस्क ट्विटर डील से पीछे हटने लगे और उन्होंने ट्विटर को खरीदने का अपना विचार बदल लिया.
ट्विटर को कानूनी रूप से ये सब ठीक नहीं लगा और कंपनी ने मस्क के खिलाफ अदालत में मुकदमा कर दिया कि मस्क इस डील से अवैध रूप से पीछे हट रहे हैं. यह मुकदमा अमेरिका के डेलावेयर राज्य की डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसेरी में दायर हुआ.
लेकिन मस्क ने ट्विटर को लेकर फिर अपना मन क्यों बदला?
अब इस बात का सही जवाब को मस्क ही दे सकते हैं कि उनके दिमाग में ऐसा क्या चल रहा है कि पहले उन्होंने यह डील की, फिर इसे रद्द किया और फिर खरीदने की बादत कर रहे हैं.
वहीं रिचमंड विश्वविद्यालय के कानून के प्रोफेसर कार्ल टोबायस ने एएफपी को बताया कि, "मुझे लगता है कि मस्क ने महसूस किया कि वह ट्विटर द्वारा किए गए मुकदमे को नहीं जीत पाएंगे."
इस बीच कई सारे ऐसे टेक्स्ट मैसेज सामने आए हैं जो बताते हैं कि डील हुई कैसे. पहले एलन मस्क ने ट्विटर में हिस्सेदारी लेने की बात कही, फिर मस्क ने ही ट्विटर में कई खामियों को गिनाया, इसके बाद मस्क ने काफी ताव में आकर कहा कि ये सब समस्या का एक ही हल है कि ट्विटर को प्राइवेटली खरीद लिया जाए.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लॉ प्रोफेसर एरिक टैली ने द वर्ज को बताया कि-
"हो सकता है मस्क ये बात जानते हो कि ये मुकदमा उनके लिए बुरा साबित हो सकता है. क्योंकि जैसे-जैसे यह मुकदमा आगे बढ़ेगा वैसे वैसे मस्क की परेशानी बढ़ सकती है. इसका कारण है मस्क द्वारा दिए गए अस्थिर बयान. अब देखिए पहले मस्क ने ही इस बात को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक किया कि ट्विटर के साथ कितनी सारी खामियां हैं और अब जिस कंपनी के साथ इतनी समस्याएं हैं मस्क उसी कंपनी को खरीदने की बात कर रहे हैं."
द वर्ज लिखता है कि, ट्विटर इस मुकदमे को तब तक खारिज नहीं कर सकता जब तक मस्क डील को पूरा न कर लें, क्योंकि आगे किसे पता मस्क का मन फिर बदल जाए. इसलिए जब तक डील पूरी नहीं हो जाती मुकदमा जारी रहेगा.
एलन मस्क और ट्विटर डील का मामला कब खत्म होगा?
फिलहाल कई सारे ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब नहीं है इसलिए बताना मुश्किल है कि ये मामला कब तक खींचा जाएगा. अब मस्क ने ट्विटर को फिर से खरीदने की बात कही है अगर ये डील आगे बढ़ती है और पूरी होती है तब कुछ कहा जा सकेगा.
एक बात और ध्यान देने वाली है कि ट्विटर को खरीदने के लिए मस्क के फाइनेंसर्स ने इस डील को पूरा करने की आखिरी तारीख अप्रैल 2023 की दी है, अगर इससे पहले डील पूरी नहीं होती तो यह मामला अपना आप खत्म हो जाएगा और फिर कोर्ट का फैसला ही मामले पर लागू होगा.
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