Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Aapka paisa  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019टर्म इंश्योरेंस होगा 10-15% महंगा, जानें कितना बढ़ेगा प्रीमियम

टर्म इंश्योरेंस होगा 10-15% महंगा, जानें कितना बढ़ेगा प्रीमियम

प्रीमियम में वृद्धि की सबसे बड़ी वजह री-इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा बीमा कंपनियों के लिए बढ़ाया जाने वाला प्रीमियम है.

क्विंट हिंदी
आपका पैसा
Published:
Term insurance to get costlier by 10 to 15 percent
i
Term insurance to get costlier by 10 to 15 percent
(फोटो- I Stock)

advertisement

कोविड संकट के कारण बढ़ी मृत्यु दर का असर अब बीमा खरीदने वालों की जेब पर पड़ सकता है. इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक आने वाले दिनों में टर्म इंश्योरेंस के पॉलिसी प्रीमियम में इजाफा होने वाला है. आइए समझते हैं टर्म इंश्योरेंस, प्रीमियम में संभावित बढ़ोतरी की खबर और इसके पीछे के कारणों को.

क्या होता है टर्म इंश्योरेंस?

टर्म इंश्योरेंस एक तरह का प्रचलित वित्तीय उत्पाद और इंश्योरेंस विकल्प है. जिस अवधि के लिए बीमा खरीदा गया है, उस अवधि में पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में ही इस इंश्योरेंस का फायदा मिलता है. कुछ टर्म लाइफ इंश्योरेंस दिव्यांगता की स्थिति या गंभीर बीमारी के रिस्क को भी कवर करते हैं. एंडाउमेंट प्लान की तरह इसका इस्तेमाल सेविंग के तरीके से नहीं किया जा सकता. टर्म इंश्योरेंस की इस प्रकृति के कारण इसका प्रीमियम भी अपेक्षाकृत कम होता है. पॉलिसी धारक के उम्र के बढ़ने के साथ ही प्लान का प्रीमियम भी बढ़ता जाता है.

कितना बढ़ सकता है प्रीमियम?

ET की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां, टर्म इंश्योरेंस के पॉलिसी प्रीमियम को कम से कम 10-15% तक बढ़ाने वाली हैं. खबर के मुताबिक पांच प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां इस बारे में पहले से ही IRDAI (इंश्योरेंस रेगुलटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के पास बढ़ी कीमतों के साथ टर्म इंश्योरेंस उत्पादों का प्रस्ताव रख चुकी हैं. यह 5 कंपनियां टाटा AIA, एगोन लाइफ, मैक्स लाइफ, PNB मेटलाइफ और इंडियाफर्स्ट लाइफ हैं. बाकी कंपनियां भी इस तरह का कदम उठा सकती हैं.

भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC के इस दिशा में कदम की अभी कोई खबर नहीं है.

क्या है प्रीमियम में इजाफे की वजह?

प्रीमियम में वृद्धि की सबसे बड़ी वजह री-इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा बीमा कंपनियों के लिए बढ़ाया जाने वाला प्रीमियम है. जिस तरह एक आम व्यक्ति भविष्य की अनिश्चितताओं से खुद को सुरक्षित करने के लिए बीमा प्रीमियम का भुगतान करता है, ठीक उसी तरह इंश्योरेंस कंपनियां भी अपने रिस्क को कम करने के लिए रि-इंश्योरेंस कंपनियों के साथ इंश्योरेंस कराती है और प्रीमियम का भुगतान करती है.

कोरोना के कारण बढ़े मृत्यु दर से इन बड़ी री-इंश्योरेंस कंपनियों के वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ा है. पहले किसी एक देश या क्षेत्र में होने वाले नुकसान की भरपाई विश्व के दूसरे भागों से प्राप्त प्रीमियम से हो जाता था. अब कोरोना के वैश्विक प्रभाव से इन कंपनियों ने प्रीमियम की राशि में बढ़ोतरी की है. बीमा कंपनियों द्वारा बढ़े प्रीमियम का भार पॉलिसी धारकों पर डालने की कोशिश की जा रही है.

री-इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा इंश्योरेंस क्लेम (claim) के भुगतान को लेकर एक कठोर और स्टेंडर्ड व्यवस्था पर जोर देने की बात भी कही जा रही है. ऐसे में इंश्योरेंस क्लेम के रिजेक्शन की संभावना भी आने वाले दिनों में बढ़ सकती है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रीमियम की दर सामान्य तौर पर भुगतान की स्थिति के आने की संभावना पर आधारित होती है. भारत में इससे संबंधित डाटा की कमी के कारण अभी ऐसा ठीक से नहीं हो पा रहा था. ऐसे में कुछ वर्षों से लगातार उम्मीद से ज्यादा मृत्यु दर के कारण भी प्रीमियम में वृद्धि कंपनियों के लिए अहम हो गया है.

कुछ जानकारों के मुताबिक भारत में इंश्योरेंस क्षेत्र में कॉम्पिटिशन ज्यादा होने के कारण भी वर्तमान में इंश्योरेंस पॉलिसी अपेक्षाकृत कम कीमतों पर उपलब्ध है. ऐसे माहौल में इंडस्ट्री के लिए कोरोना जैसे मुश्किल समय का सामना करना काफी मुश्किल हो रहा है.

खबर के मुताबिक विश्व की सबसे बड़ी री-इंश्योरर कंपनियों में से एक स्विस रे (Swiss Re) निश्चित तौर पर प्रीमियम वृद्धि करने वाली है.

कब से लागू होगी यह वृद्धि?

IRDAI को दिए गए प्रस्ताव के अनुसार इस बढ़ोतरी को अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल 2021 से लागू किया जाएगा. बीते वर्ष भी अप्रैल में इंश्योरेंस कीमतों में अच्छी वृद्धि देखी गई थी. कोरोना लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में विभिन्न कंपनियों ने प्रीमियम की दरों में 30% तक की वृद्धि की थी. उस दौरान कुछ कंपनियों ने अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति को देखते हुए भुगतान राशि में इजाफा काफी कम या नहीं किया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT