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बीते महीनों में शानदार रिटर्न देने वाले IPO बाजार में रौनक इस महीने भी बने रहने की उम्मीद है. अप्रैल माह में कम से कम 6 IPO की मदद से कंपनियां बाजार से करीब 19,000 करोड़ जुटाएगी. सही निवेश के फैसलों के लिए जरूरी है कि इन कंपनियों को समझा जाए. ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं इस महीने आ रहे अहम इशू पर-
1995 में शुरु होने वाली डोडला डेयरी की साउथ इंडिया में अच्छी पकड़ है. हैदराबाद बेस्ड इस कंपनी के उत्पाद 11 राज्यों में उपलब्ध है. कंपनी के IPO इशू का साइज 800 करोड़ का है जिसमें 50 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे. वहीं, बाकी करीब 1 करोड़ से ज्यादा शेयर वर्तमान निवेशकों और प्रमोटर्स के ऑफर फॉर सेल (OFS) से हैं.
कृष्णा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (KIMS) आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे बड़े हेल्थकेयर समूहों में से है. वर्तमान में यह समूह 9 हॉस्पिटल चलाता है. 700 करोड़ के इस IPO में 200 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे. वर्तमान शेयरधारक OFS माध्यम से 2 करोड़ 13 लाख शेयरों की बिक्री करेंगे.
सोना BLW प्रेसिजन फॉरगिंग्स 1995 में स्थापित गुड़गांव बेस्ड ऑटोमेटिव टेक्नोलॉजी कंपनी है. यह काम्प्लेक्स ऑटोमेटिव कम्पोनेंट डिजाइन और सप्लाई करती है. कंपनी के 6000 करोड़ के इस IPO की मदद से ब्लैकस्टोन ग्रुप की एफिलिएट कंपनी 5700 करोड़ के शेयर बेचेगी. इशू में 300 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे.
मुंबई हेड क्वार्टर वाली, 2003 में शुरु सेवन आइलैंड्स शिपिंग समुद्री रास्ते काम करने वाली (seaborne) लॉजिस्टिक्स कंपनी है. 600 करोड़ के इस IPO में 400 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे जबकि बाकी 200 करोड़ वर्तमान निवेशकों के ऑफर फॉर सेल (OFS) के होंगे.
यह कंपनी खासतौर पर कम आय वाले वर्ग को हाउसिंग के लिए वित्त उपलब्ध कराती है. 2010 में शुरू होने वाले आधार हाउसिंग फाइनेंस की वर्तमान में 292 शाखाएं हैं. फाइनेंस कंपनी के 7300 करोड़ के इस IPO में 1500 करोड़ का फ्रेश इशू होगा. 5800 करोड़ के शेयरों की बिक्री से प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन कंपनी में हिस्सेदारी कम करेगा.
पहले लोधा डेवलपर्स के नाम से जाने वाले इस रियल्टी कंपनी का इशू 7 अप्रैल को खुलकर 9 अप्रैल को बंद हो गया. ₹2500 करोड़ के इस IPO को कुल 1.36 गुणा सब्सक्राइब किया गया. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल खरीदारों द्वारा सर्वाधिक 3.05 गुणा जबकि रिटेल निवेशकों द्वारा यह पब्लिक ऑफर केवल 0.40 गुणा सब्सक्राइब हुआ. IPO के फीके प्रदर्शन के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग डिस्काउंट पर हो.
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