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10 साल में पहली बार आदित्य बिरला ग्रुप घाटे में, आइडिया ने डुबोया

अप्रैल जून तिमाही में कंपनी को 3,329 करोड़ का घाटा हुआ

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बिजनेस
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आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है
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आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है
फोटो: रॉयटर्स

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बीते 10 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है. फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में आदित्य बिरला ग्रुप को कुल मिलाकर 6 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है. और इस घाटे के पीछे है वोडाफोन-आइडिया. FY19 में पूरे ग्रुप को 6,134 करोड़ का घाटा हुआ है जबकि पिछले साल ग्रुप को 8,470 करोड़ा का मुनाफा हुआ था.

लेकिन चौंकाने वाला आंकड़ा ये है कि अगर वोडाफोन-आइडिया को ग्रुप से बाहर कर दें तो ग्रुप को 8,470 करोड़ का नेट मुनाफा हुआ है. जबकि पिछले साल ग्रुप को 9,582 करोड़ का मुनाफा हुआ था.

फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की पहली तिमाही में भी ट्रेंड करीब-करीब यही रहा. अप्रैल जून तिमाही में कंपनी को 3,329 करोड़ का घाटा हुआ वहीं इसी तिमाही में पिछले फाइनेंशियल ईयर में 2,004 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. अगर वोडाफोन को निकाल दें तो इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में कंपनी को 1,545 करोड़ का मुनाफा हुआ है.

टेलीकॉम कारोबार को FY19 में 14,604 करोड़ का घाटा हुआ है. वहीं इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में टेलीकॉम कारोबार को 4,874 का घाटा हुआ है.

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विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रुप जिन कारोबार में उनमें घरेलू और विदेशी कारणों के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आदित्य बिरला ग्रुप अभी मेटल, माइनिंग, टेक्सटाइल,  टेलीकॉम,  नॉन बैंकिंग फाइनेंस जैसे सेक्टरों में कारोबार कर रहा है. इन सभी सेक्टरों में किसी न किसी कारण से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इन सेक्टरों को मंदी से निपटने में अभी वक्त भी लग सकता है. 

हांलाकि सीमेंट कारोबार अभी भी कंपनी के लिए राहत बना हुआ है. अगर सीमेंट कारोबार अच्छा प्रदर्शन करता रहा तभी ग्रुप में बेहतरी देखने को मिल रही है. अल्ट्राटेक आदित्य बिरला ग्रुप की सबसे वजनदार कंपनी है, ग्रुप के पूरे हिस्से का 45 परसेंट कैपिटलाइजेशन सिर्फ अल्ट्राटेक का है. सीमेंट ग्रासिम इंडस्ट्री की सब्सिडियरी है.

वोडाफोन आइडिया के घाटे में आने के बाद से आदित्य बिरला ग्रुप के आउटलुक पर सवाल उठने लगे हैं. साथ ही पूरे ग्रुप के फाइनेंस और बैलेंस शीट पर इनका काफी दबाव है.

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