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एडिटर: संदीप सुमन
मंदी के समय निवेशक क्या करे? क्या मंदी को भी कमाई के अच्छे मौके में बदला जा सकता है? इस पर लोगों की राय अलग-अलग है, लेकिन जिन्हें 'इन्वेस्टमेंट का गुरु' कहा जाता है, उनका इस पर क्या कहना है? मंदी के मार्केट पर क्या कहना है वॉरेन बफेट का?
दुनिया के सबसे सफल इन्वेस्टर वॉरने बफेट अमेरिकी कंपनी बर्कशायर के सीईओ हैं और दुनिया के तीसरे नंबर के अमीर हैं. उनकी संपत्ति 85 बिलियन डॉलर से ज्यादा है. इन्वेस्टिंग के रूल्स को लेकर उनका ही एक काफी मशहूर कोट है कि "रूल नंबर 1 कि कभी पैसे मत गंवाओ. और रूल नंबर 2 कि कभी भी रूल नंबर 1 को मत भूलो.''
स्लोडाउन के वक्त सारे इन्वेस्टर्स को सांप सूंघ जाता है. लोग शेयर बाजारों से भागकर सेफ इन्वेस्टमेंट, जैसे गोल्ड वगैरह की तलाश करने लगते हैं. लेकिन जब शेयर बाजार में सब डरे हुए होते हैं, तो वॉरेन बफेट इसके उलट और ज्यादा लालची हो जाते हैं और ज्यादा से ज्यादा कमाई के मौके तलाशते रहते हैं.
बफेट की इन्वेसमेंट पॉलिसी की दुनिया दीवानी है, इसलिए हमने भी सोचा कि इस इकनॉमिक स्लोडाउन के बीच वॉरेन बफेट के इन्वेस्टमेंट लेसन को आपको बताया जाए, ताकि इस वक्त आप एक स्मार्ट इन्वेस्टर बनें.
निवेश करते वक्त सबसे जरूरी बात. वॉरेन बफेट कहते हैं किसी भी कंपनी में सिर्फ इसलिए निवेश न करें, क्यों उसमें तेजी है, बल्कि बेसिक रूल फॉलो करें. जैसे जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं क्या आप उसका बिजनेस समझ रहे हैं. क्या कंपनी की ऑपरेटिंग हिस्ट्री अच्छी है. कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है. कंपनी जो बिजनेस करती है, उसकी वैल्यू कैसी है. इन सब प्वाइंट को पैमाना बनाकर कंपनी को परखें तभी निवेश करें.
2016-17 के आसपास रिटेल बिजनेस ने अच्छी तेजी पकड़ी थी. लेकिन तब रिटेल ट्रेडिशनल शॉपिंग मॉल की जगह ऑनलाइन मार्केट की शक्ल अख्तियार कर रहा था. इसलिए इस बदलाव को समझते हुए बफेट ने अपने वॉलमार्ट के शेयर बेचे और अमेजॉन के शेयर खरीदे.
इकनॉमी भले ही खराब दौर से गुजर रही हो, लेकिन अच्छे बिजनेस की कंपनियां कई बार बाकी मार्केट को चकमा देकर अच्छा प्रदर्शन करती हैं. इसलिए इन्वेस्टर्स को ऐसे बिजनेस बास्केट की कंपनियां तलाशते रहना चाहिए. मंदी के मार्केट में भी ये कमाई करा सकती हैं.
किसी एक सिद्धांत को आदर्श मानकर उसी पर टिके रहना सही नहीं है. नए बदलावों को परखने के बाद स्वीकार करना आना चाहिए.
वॉरेन बफेट खुद अपने अनुभवों का हवाला देते हुए बताते हैं कि पहले उनका मानना था कि एयरलाइंस कंपनियां मौत का कुंआ है. लेकिन उनके ही एक सहयोगी ने उनसे इस सेक्टर में अच्छी ग्रोथ अपॉर्च्युनिटी के लिए वकालत की, जिसके बाद सेक्टर में कंसॉलिडेशन भी देखने को मिला.
याद कीजिए 2017 में बिटकॉइन में क्या जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी. लेकिन अब बिटकॉइन सुस्त है. वॉरेन बफेट ने 2014 में ही बिटकॉइन को मिराज यानी छलावा बता दिया था.
जब अमेरिका में डॉट कॉम कंपनियों का बूम था, तब भी वॉरेन बफेट ने उन कंपनियों में निवेश नहीं किया, क्योंकि उनको उस बिजनेस की समझ नहीं थी. बतौर निवेशक हो सकता है कि आपको सभी बिजनेस की समझ न हो, इसलिए जिन बिजनेस की समझ हो, उन्हीं में निवेश करें.
वॉरेन बफेट का कहना है कि शानदार कीमत पर ठीक-ठाक कंपनी के शेयर खरीदने के बजाय, शानदार कंपनी के शेयर ठीक-ठाक कीमत पर खरीदे जाएं. कभी भी प्रमोटर की शक्ल देखकर शेयर की वैल्यू को तय न करें.
अगर शेयर सस्ता मिल रहा हो और कंपनी के फंडामेंटल्स से लेकर मैनेजमेंट तक सब कुछ सही हो, तो भी एकदम से जोश में आकर खरीदारी न करें. वॉरेन बफेट कहते हैं कि इन्वेस्ट करते वक्त कभी भी जोश को दिमाग पर हावी न होने दें. बतौर इन्वेस्टर अपना डिसिप्लेन बनाकर रखें.
वॉरेन बफेट का मानना है कि सिर्फ किसी शेयर का सस्ता भाव देखकर ही शेयर खरीद लेना, सबसे बड़ी बेवकूफी है. अगर किसी शेयर का भाव गिरकर 50 रुपये से 40 रुपये आया है तो जरूरी नहीं कि आपके लिए ये बेहतर सौदा हो. हो सकता है कि कंपनी की आज की हालत के हिसाब से शेयर की कीमत 40 रुपये भी बहुत ज्यादा हो. हमेशा कंपनी के फंडामेंटल, पर्फॉर्मेंस, अर्निंग को देखकर ही निवेश करें. अपने सिक्स्थ सेंस का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें.
बफेट का मानना है कि बाजार में वॉलिटेलिटी को दुश्मन की तरह न देखें, बल्कि इस वॉलिटेलिटी को अपना दोस्त बनाएं. अगर आप वॉलिटेलिटी के नेचर को समझ गए तो पैसा बनाने का यही सबसे बेहतरीन वक्त होता है.
उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे को इतिहास में करीब 3 बार 50% से ज्यादा नेटवर्थ का नुकसान हुआ. लेकिन बफेट को अपनी पर्सनल नेटवर्थ का 2% से ज्यादा का नुकसान नहीं हुआ. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने वॉलिटेलिटी के दौर में अच्छी कंपनियों के शेयरों को अच्छे दाम पर खरीदा.
वॉरेन बफेट ने सबसे जरूरी बात कही है Invest in Yourself मतलब खुद पर निवेश करो. जब आप खुद पर निवेश करेंगे तभी एक अच्छे, स्मार्ट और इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बन पाएंगे.
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