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2021 में इन 3 न्यू ईयर रिजॉल्यूशन से बदल सकती है आपकी जिंदगी

2020 ने हमें ऐसी कई सीख दी हैं, जिन्हें हमें किसी हालत में भूलना नहीं है. इसलिए फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन पर करें फोकस.

धीरज कुमार अग्रवाल
बिजनेस
Updated:
फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन पर करें फोकस.
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फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन पर करें फोकस.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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साल 2021 के आने का इंतजार पूरी दुनिया को जितना था, शायद ही किसी और साल का इंतजार इतना किया गया होगा. 2020 में आई कोविड महामारी ने लाखों-करोड़ों लोगों को ऐसी तकलीफ पहुंचाई कि सभी इसके जल्द से जल्द खत्म होने की ख्वाहिश करने लगे. स्वाभाविक तौर पर नए साल का आना केवल पुराने की जगह नए कैलेंडर को लगाया जाना नहीं होता. नया साल अपने साथ नई उम्मीदें, नया हौसला और नई चाहतें लेकर आता है. और इसी के साथ लाता है नए संकल्प यानी न्यू ईयर रिजॉल्यूशंस.

किसी का न्यू ईयर रिजॉल्यूशन होगा वजन कम करना तो किसी ने नए साल में गिटार बजाना सीखने का संकल्प किया होगा. किसी ने सोचा होगा कि वो 2021 में अपना बिजनेस शुरू करेगा तो किसी का रिजॉल्यूशन होगा विदेश में छुट्टियां बिताने का.

लेकिन बीते साल 2020 ने हमें ऐसी कई सीख दी हैं, जिन्हें हमें किसी हालत में भूलना नहीं है और इसलिए बाकी किसी भी रिजॉल्यूशन के साथ कम से कम 3 रिजॉल्यूशंस हम सबकी लिस्ट में शामिल होने चाहिए.

नए साल का रिजॉल्यूशन

1- इमर्जेंसी फंड

2. लाइफ इंश्योरेंस

3. हेल्थ इंश्योरेंस

नए साल का रिजॉल्यूशन नंबर 1- इमर्जेंसी फंड

2020 में सेहत के अलावा कोविड और लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर जिस एक चीज पर दिखा- वो था रोजगार. बड़े पैमाने पर नौकरीपेशा लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा, या फिर सैलरी में एक अच्छी-खासी कटौती झेलनी पड़ी.

ऐसे में उन लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किलें पेश आईं, जिन्होंने कभी अपने लिए इमर्जेंसी फंड बनाने के बारे में सोचा नहीं था. और इमर्जेंसी फंड के अभाव में उन्हें या तो प्रोविडेंट फंड समेत अपने दूसरे निवेश स्रोतों से पैसे निकालने पड़े या फिर कर्ज का सहारा लेना पड़ा. हम चाहेंगे कि 2021 में ऐसा किसी के साथ ना हो, लेकिन सच्चाई ये है कि इमर्जेंसी किसी को बताकर नहीं आती, इसलिए नए साल में पहला संकल्प हर किसी को यही करना चाहिए कि वो अपने लिए इमर्जेंसी फंड जरूर बनाएगा.

इमर्जेंसी फंड का फंडा

फाइनेंशियल एडवाइजर्स के मुताबिक,

इमर्जेंसी फंड आमतौर पर आपके 3 से 6 महीने के जरूरी खर्चों के बराबर होना चाहिए. इन जरूरी खर्चों में घर का किराया या होम लोन की ईएमआई, बच्चों की स्कूल फीस, खाना-पीना और जरूरी मेडिकल खर्चे शामिल हैं. मान लीजिए कि किसी का मासिक खर्च 50 हजार रुपए है तो उसे डेढ़ लाख से तीन लाख रुपए तक का इमर्जेंसी फंड बनाना चाहिए. इसके लिए उसे अपनी इनकम में से एक निश्चित रकम हर महीने निकालनी होगी, जो इमर्जेंसी फंड बनाने के काम आएगी.

ये रकम आप किसी सेविंग्स एकाउंट, बैंक रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) या शॉर्ट टर्म डेट फंड में जमा कर सकते हैं. याद रखें कि इमर्जेंसी फंड आपका इन्वेस्टमेंट नहीं है, इसलिए इसमें सबसे बड़ा मकसद कैपिटल प्रोटेक्शन होना चाहिए, ज्यादा रिटर्न कमाना नहीं.

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नए साल का रिजॉल्यूशन नंबर 2- लाइफ इंश्योरेंस

इमर्जेंसी फंड बनाने की शुरुआत के साथ ही नए साल के दूसरे फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन पर आपको तुरंत काम करना चाहिए, और वो है- अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना. यहां हम किसी मनी बैक या एंडाउमेंट लाइफ पॉलिसी की बात नहीं कर रहे.

आपको लेना है प्योर टर्म प्लान और इसका कवरेज आपकी सालाना इनकम का कम से कम 10 गुना होना चाहिए. मतलब ये कि अगर आपकी सालाना इनकम 10 लाख रुपए है तो टर्म प्लान का सम एश्योर्ड कम से कम 1 करोड़ रुपए हो. अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए इस पॉलिसी का प्रीमियम अलग-अलग होगा. लेकिन 30 साल के स्वस्थ व्यक्ति को 1 करोड़ रुपए की टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए सालाना प्रीमियम के तौर पर करीब 7,000 रुपए देने पड़ सकते हैं.

यहां याद रखना जरूरी है कि टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का मकसद टैक्स बचाना या रिटर्न कमाना नहीं, बल्कि पॉलिसीहोल्डर की मौत के बाद उसके परिवार वालों को आर्थिक सुरक्षा देना है.

नए साल का रिजॉल्यूशन नंबर 3- हेल्थ इंश्योरेंस

तीसरा रिजॉल्यूशन जो नए साल में सबकी विश लिस्ट में होना चाहिए, वो है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना. अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपके पास कंपनी स्पॉन्सर्ड हेल्थ पॉलिसी है, तब भी आपको अपने लिए पर्सनल या फैमिली फ्लोटर हेल्थ पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए.

जो लोग सिंगल हैं, उन्हें कम से कम 5 लाख रुपए का हेल्थ कवर लेना चाहिए. जो शादीशुदा हैं उन्हें 8-10 लाख रुपए के कवरेज का फैमिली फ्लोटर प्लान लेना चाहिए. हेल्थ पॉलिसी जितनी जल्दी ली जाए, उतना अच्छा होता है क्योंकि कुछ क्रिटिकल बीमारियों के लिए क्लेम पॉलिसी के 3-4 साल बाद बीतने के बाद ही दिया जाता है.

अगर आपको अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के अलग-अलग प्लान को लेकर उलझन है तो आप आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ले सकते हैं. ये एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट है जिसकी खूबियां हर कंपनी में आपको एक जैसी मिलेंगी. इसे आप सरकारी या प्राइवेट किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से ले सकते हैं, बस ये ख्याल रखें कि जिस कंपनी से आप पॉलिसी ले रहे हैं, क्लेम देने के मामले में उसका रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए. 5 लाख रुपए के कवर की आरोग्य संजीवनी पॉलिसी का सालाना प्रीमियम उम्र के मुताबिक 3 हजार से 7 हजार रुपए के बीच देना पड़ सकता है.

नए साल के ये तीनों रिजॉल्यूशन जुड़े हैं फाइनेंशियल प्लानिंग से, लेकिन उससे भी ज्यादा इनका रिश्ता हमारी-आपकी सेहत, खुशियों और जिंदगी से है. इसलिए इन्हें अगर आप अपने किसी खास रिजॉल्यूशन से ज्यादा ना सही, बराबरी की अहमियत जरूर दें.

(लेखक धीरज कुमार अग्रवाल एक मीडिया प्रोफेशनल हैं और वेल्दी एंड वाइज (Wealthy & Wise) के नाम से फाइनेंशियल एजुकेशन पॉडकास्ट चलाते हैं.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 02 Jan 2021,01:46 PM IST

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