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साल 2021 के आने का इंतजार पूरी दुनिया को जितना था, शायद ही किसी और साल का इंतजार इतना किया गया होगा. 2020 में आई कोविड महामारी ने लाखों-करोड़ों लोगों को ऐसी तकलीफ पहुंचाई कि सभी इसके जल्द से जल्द खत्म होने की ख्वाहिश करने लगे. स्वाभाविक तौर पर नए साल का आना केवल पुराने की जगह नए कैलेंडर को लगाया जाना नहीं होता. नया साल अपने साथ नई उम्मीदें, नया हौसला और नई चाहतें लेकर आता है. और इसी के साथ लाता है नए संकल्प यानी न्यू ईयर रिजॉल्यूशंस.
किसी का न्यू ईयर रिजॉल्यूशन होगा वजन कम करना तो किसी ने नए साल में गिटार बजाना सीखने का संकल्प किया होगा. किसी ने सोचा होगा कि वो 2021 में अपना बिजनेस शुरू करेगा तो किसी का रिजॉल्यूशन होगा विदेश में छुट्टियां बिताने का.
लेकिन बीते साल 2020 ने हमें ऐसी कई सीख दी हैं, जिन्हें हमें किसी हालत में भूलना नहीं है और इसलिए बाकी किसी भी रिजॉल्यूशन के साथ कम से कम 3 रिजॉल्यूशंस हम सबकी लिस्ट में शामिल होने चाहिए.
नए साल का रिजॉल्यूशन
1- इमर्जेंसी फंड
2. लाइफ इंश्योरेंस
3. हेल्थ इंश्योरेंस
2020 में सेहत के अलावा कोविड और लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर जिस एक चीज पर दिखा- वो था रोजगार. बड़े पैमाने पर नौकरीपेशा लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा, या फिर सैलरी में एक अच्छी-खासी कटौती झेलनी पड़ी.
फाइनेंशियल एडवाइजर्स के मुताबिक,
ये रकम आप किसी सेविंग्स एकाउंट, बैंक रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) या शॉर्ट टर्म डेट फंड में जमा कर सकते हैं. याद रखें कि इमर्जेंसी फंड आपका इन्वेस्टमेंट नहीं है, इसलिए इसमें सबसे बड़ा मकसद कैपिटल प्रोटेक्शन होना चाहिए, ज्यादा रिटर्न कमाना नहीं.
इमर्जेंसी फंड बनाने की शुरुआत के साथ ही नए साल के दूसरे फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन पर आपको तुरंत काम करना चाहिए, और वो है- अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना. यहां हम किसी मनी बैक या एंडाउमेंट लाइफ पॉलिसी की बात नहीं कर रहे.
यहां याद रखना जरूरी है कि टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का मकसद टैक्स बचाना या रिटर्न कमाना नहीं, बल्कि पॉलिसीहोल्डर की मौत के बाद उसके परिवार वालों को आर्थिक सुरक्षा देना है.
तीसरा रिजॉल्यूशन जो नए साल में सबकी विश लिस्ट में होना चाहिए, वो है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना. अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपके पास कंपनी स्पॉन्सर्ड हेल्थ पॉलिसी है, तब भी आपको अपने लिए पर्सनल या फैमिली फ्लोटर हेल्थ पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए.
अगर आपको अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के अलग-अलग प्लान को लेकर उलझन है तो आप आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ले सकते हैं. ये एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट है जिसकी खूबियां हर कंपनी में आपको एक जैसी मिलेंगी. इसे आप सरकारी या प्राइवेट किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से ले सकते हैं, बस ये ख्याल रखें कि जिस कंपनी से आप पॉलिसी ले रहे हैं, क्लेम देने के मामले में उसका रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए. 5 लाख रुपए के कवर की आरोग्य संजीवनी पॉलिसी का सालाना प्रीमियम उम्र के मुताबिक 3 हजार से 7 हजार रुपए के बीच देना पड़ सकता है.
नए साल के ये तीनों रिजॉल्यूशन जुड़े हैं फाइनेंशियल प्लानिंग से, लेकिन उससे भी ज्यादा इनका रिश्ता हमारी-आपकी सेहत, खुशियों और जिंदगी से है. इसलिए इन्हें अगर आप अपने किसी खास रिजॉल्यूशन से ज्यादा ना सही, बराबरी की अहमियत जरूर दें.
(लेखक धीरज कुमार अग्रवाल एक मीडिया प्रोफेशनल हैं और वेल्दी एंड वाइज (Wealthy & Wise) के नाम से फाइनेंशियल एजुकेशन पॉडकास्ट चलाते हैं.)
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