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सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी ठहराते हुए आदेश दिया है कि अगर वो एरिक्सन इंडिया को चार हफ्ते में 453 करोड़ रुपये अदा नहीं करते तो जेल जाएंगे.
रोहिंग्टन नरीमन और जस्टिस विनीत शरण ने एरिक्सन रिलायंस कम्यूनिकेशन में 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले एरिक्सन ने अनिल अंबानी के लिए जेल की सजा की मांग की थी.
एरिक्सन की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि रिलायंस कम्यूनिकेशन बगैर किसी शर्त के यह रकम अदा करे.
एरिक्सन रिलायंस कम्यूनिकेशन की वेंडर थी. कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में रिलायंस के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर किया था. एरिक्सन का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद रिलायंस कम्यूनिकेशन इसके 550 करोड़ का बकाया नहीं अदा कर रही है. अदालत ने रकम अदा करने के लिए सितंबर तक का वक्त दिया था. दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी की कंपनी की ओर से और वक्त दिए जाने की मांग खारिज कर दी थी.
एरिक्सन का कहना था कि अनिल अंबानी और रिलायंस कम्यूनिकेशन का इरादा शुरू से इसका पैसा देने का नहीं था. पहले दिन से ही कंपनी अदालत के आदेश की अवहेलना कर रही है. एरिक्सन के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की कंपनी ने रिलायंस पर विश्वास किया था. लेकिन कुछ लोग सोचते हैं वे देश के विशिष्ट लोग हैं और अदालत को बेवकूफ बना लेंगे.
अंबानी की ओर से पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि 550 करोड़ रुपये की अदायगी शर्त के साथ बंधी थी. इसके मुताबिक रिलायंस कम्यूनिकेशन की संपत्ति रिलायंस जियो इन्फोकॉम पर बेचने के बाद ही एरिक्सन को यह पैसा मिलेगा.
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