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ऑटो कंपनियों पर गाड़ियों की बिक्री घटने का असर बढ़ने लगा है. मांग न होने से महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने थोड़े दिनों के लिए प्रोडक्शन बंद करने का ऐलान किया है. महिंद्रा एंड महिंद्रा जुलाई-सितंबर तिमाही में आठ से चौदह दिनों तक प्रोडक्शन बंद रखेगी. वहीं टाटा मोटर्स ने भी अपने कुछ प्लांट्स में प्रोडक्शन बंद रखने की बात कही है.
टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह डिमांड स्लोडाउन के हिसाब से प्रोडक्शन रोकने का फैसला करेगी.महिंद्रा एंड महिंद्रा ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया है कि महिंद्रा व्हेकिल मैन्यूफैक्चरर्स लिमिटेड वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अपने अलग-अलग प्लांट्स में कोई प्रोडक्शन नहीं करेगी.
मारुति सुजुकी ने पिछले सात महीनों के दौरान अपना प्रोडक्शन घटाया है. जुलाई में इसकी पैसेंजर कारों की बिक्री में 36.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. जुलााई में ही अशोक लेलैंड ने उत्तराखंड के पंतनगर के प्लांट में अपना प्रोडक्शन नौ दिनों के लिए बंद कर दिया था. सालाना 1.5 लाख यूनिट का प्रोडक्शन करने वाले इस प्लांट में 17 जून से 29 जून के बीच सात दिनों के लिए काम बंद रखा गया था.
घटती बिक्री और रोजगार घटने के मद्देनजर ऑटो इंडस्ट्रीज ने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है. कंपनियों ने जीएसटी और रजिस्ट्रेशन फीस में राहत देने की मांग की है ताकि गाड़ियों की बिक्री रफ्तार पकड़ सके. ऑटो इंडस्ट्री में लाखों लोग काम करते हैं और देश की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है. अगर गाड़ियों की डिमांड नहीं बढ़ी तो इस सेक्टर के सामने गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं.
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