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म्यूचुअल फंड की तरफ लगातार 5 सालों से लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है इनमें मिला बेहतरीन रिटर्न. घरेलू निवेशकों की ओर से निवेश बढ़ाए जाने की वजह से शेयरों में निवेश करने वाले इक्विटी फंड में 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही मार्च में खत्म हो रहे वित्तीय वर्ष में ये 14,683 करोड़ रुपये के हो गए. एयूएम में भी इस दौरान 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और ये 6.9 लाख करोड़ रुपये का हो गया.
बैलेंस्ड फंड में निवेश 30 फीसदी घटकर 7,136 करोड़ से 5,026 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन एसेट 87 फीसदी बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपये हो गया. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में निवेश 170 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी के साथ 1,585 करोड़ रुपये हो गया. इन फंडों से संबंधित कुल एसेट 27 फीसदी बढ़कर 80,972 करोड़ रुपये हो गया.
नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की योजना के बाद इक्विटी फंडों में निवेश बढ़ रहा है. ब्लूमबर्ग क्विंट के मुताबिक, ये है साल 2017-18 के बेस्ट म्यूचुअल फंड-
एक्सिस म्यूचुअल फंड में इक्विटीज के हेड जिनेश गोपानी का कहना है कि एक्सिस फोक्स्ड 25 फंड में फाइनेंस, ऑटो और ऑटो एनिसिलरी की ज्यादा हिस्सेदारी रही है. मिड कैप में कम आवंटन और ऑटोमोबाइल्स, प्राइवेट बैंक और नॉन बैंक कर्जदाता कंपनियों में एक्सपोजर से एक्सिस इक्विटी ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
आईडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर विशाल कपूर ने कहा, "हमारा नए इक्विटी फ्रेमवर्क ने हमें नए ढंग से स्कीम आधारित इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजी बनाने में मदद की है. इससे निवेश को ज्यादा तार्किक बनाने और शेयरों को चुनाव में मदद मिली है."
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