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भारती एयरटेल ने सरकार को 8,004 करोड़ रुपये का अपना अतिरिक्त एजीआर बकाया दे दिया है. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए यह बकाया सरकार के खाते में जमा कर दी है.
इससे पहले 17 फरवरी को कंपनी ने 10 हजार करोड़ रुपये का बकाया टेलीकॉम मंत्रालय को दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक भारती एयरटेल को सरकार को 18,004 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया जमा करना था. कंपनी ने कहा है कि उसने 31 दिसंबर, 2019 तक की अपनी देनदारियों का खुद आकलन किया है. पेमेंट में 29 फरवरी, 2020 तक का ब्याज भी शामिल है.
एजीआर बकाया चुकाने में देरी होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों और टेलीकॉम मंत्रालय को फटकार लगाई थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि बकाया न चुकाने के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए. 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल, वोडाफोन- आइडिया, रिलायंस कंम्युनिकेशन, टाटा टेलीसर्विसेज और अन्य कंपनियों के एमडी और डेस्क अफसर को तलब किया था.
AGR यानी Adjusted gross revenue दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूसेज और लाइसेंसिग फीस है. इसके दो हिस्से हैं- स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस. DOT का कहना है कि AGR की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी को होने वाले संपूर्ण आय या रेवेन्यू के आधार पर होनी चाहिए, जिसमें डिपोजिट इंटरेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी शामिल है. दूसरी तरफ, टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि AGR की गणना सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं से होने वाली आय के आधार पर होनी चाहिए.
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