पीएफ की ब्याज दरों में कटौती हो सकती है. वित्त वर्ष 2020-21 लिए ईपीएफओ पीएफ की ब्याज दरों में 15 बेसिस प्वाइंट की कटौती की सिफारिश कर सकता है. ‘इकनॉमिक टाइम्स’ की एक खबर के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पीएफ की ब्याज दर घट कर 8.5 फीसदी हो सकती है. वित्त वर्ष 2019-20 में प्रॉविडेंट फंड पर 8.65 फीसदी का ब्याज मिल रहा था.
EPFO को उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल रहा रिटर्न
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की 5 मार्च को बैठक हो रही है. इसमें ब्याज दर में कटौती पर विचार हो सकता है. दरअसल ईपीएफओ जिन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है उस पर उसे उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं मिला है. यही वजह है कि ईपीएफओ पीएफ पर कम ब्याज की सिफारिश कर सकता है.
खबर के मुताबिक लॉन्ग टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट्स, बॉन्ड्स और और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज से EPFO की कमाई पिछले साल 50-80 बेसिस प्वाइंट घटी है. इसलिए ईपीएफओ ब्याज दर घटाने का फैसला कर सकता है.
EPFO का 18 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश
EPFO ने 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है. इसमें से करीब 4500 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज में लगाए गए हैं. इन दोनों को ही भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीएचएफएल जहां बैंकरप्सी रिजोल्यूशन प्रोसेस से गुजर रही है, वहीं IL & FS को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम चल रहा है.
कुल मिलाकर EPFO ने 18 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. जिसमें 85 फीसदी डेट मार्केट में और 15 फीसदी ETFs के जरिए शेयरों में किया है. मार्च 2019 के आखिर में शेयरों में EPFO का कुल निवेश 74,324 करोड़ रुपये का था और उसे 14.74% का रिटर्न मिला था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 मार्च को होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मीटिंग में EPFO के बारे में निर्णय लेने के लिए चर्चा की जाएगी.
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