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48 फीसदी आम लोगों के जीवन स्तर में बीते एक साल में आई ‘गिरावट’

सर्वे में 48.4 फीसदी लोगों ने माना है कि आम आदमी के समग्र जीवन में बीते एक साल में ‘गिरावट’ आई है.

आईएएनएस
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48 फीसदी आम लोगों के जीवन स्तर में बीते एक साल में आई ‘गिरावट’
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48 फीसदी आम लोगों के जीवन स्तर में बीते एक साल में आई ‘गिरावट’
(फाइल फोटो : रॉयटर्स)

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बजट आने में सिर्फ दो दिन बाकी है ऐसे में सी वोटर के सर्वे में 48.4 फीसदी लोगों ने माना है कि आम आदमी के समग्र जीवन में बीते एक साल में 'गिरावट' आई है. ऐसे में भारी उम्मीद है कि मोदी सरकार जारी मंदी को मात देने के उपायों के साथ आ सकती है, जो अर्थव्यवस्था को पंगु बनाती प्रतीत हो रही है.

आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार या नहीं?

सी वोटर ट्रैकर सर्वे सभी वर्गो के 18 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों के सीएटीआई इंटरव्यू पर आधारित है. ट्रैकिंग पोल का सैंपल साइज 4,292 है और ट्रैकिंग पोल फील्ड का काम जनवरी 2020 के तीसरे और चौथे हफ्ते में किया गया.

कुल उत्तरदाताओं में से 28.8 फीसदी ने जवाब दिया कि आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में एक साल में 'सुधार' आया है, जबकि 21.3 फीसदी ने कहा कि यह 'एक जैसी ही बनी रही' और 1.4 फीसदी ने कहा कि वे 'नहीं जानते/ कह नहीं सकते.'

जब सीवोटर ट्रैकर सर्वे 2019 से तुलना की गई तो 41.7 फीसदी लोगों ने कहा था कि आम आदमी की समग्र जीवन गुणवत्ता में बीते एक साल में 'सुधार' हुआ है, 32 फीसदी ने कहा कि इसमें 'गिरावट' आई, 25.2 फीसदी ने कहा कि यह 'एक जैसी रही' जबकि 1.1 फीसदी ने कहा कि वे 'नहीं जानते/कह नहीं सकते.'

इसी तरह के एक आंकड़े की तुलना सीवोटर ट्रैकर ने 2015 से की तो खुलासा हुआ कि कुल 39.3 फीसदी लोगों ने कहा कि एक साल में आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में 'सुधार' हुआ है. 33.9 फीसदी ने कहा कि यह 'एक जैसा रहा', जबकि 24.6 फीसदी ने कहा कि 'गिरावट' आई है और 2.2 फीसदी ने कहा कि वे 'नहीं जानते/कह नहीं सकते.'

एक फरवरी को पेश होगा बजट

कई विकल्पों में केंद्र आयकर स्लैब बढ़ाने पर विचार कर सकता है. यह मुद्दा आम आदमी को प्रभावित करता है. केंद्र कर बचत के विकल्प के तौर पर 'इंफ्रास्ट्रक्चर बांड' ला सकता है.

इन पर ध्यान देकर वह कम खपत के मुद्दे पर विशेष ध्यान दे सकता है. केंद्रीय बजट 2020 एक फरवरी को पेश होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2020 संसद में सुबह 11 बजे एक फरवरी को पेश करेंगी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस बजट में सुस्त होगी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने व खपत को बढ़ाने पर जोर होगा.

बता दें कि इस वर्ष का बजट शनिवार को आएगा. स्टाक एक्सचेंज व संसद जो आम तौर पर व्यवसाय व सप्ताहांत पर बंद रहते हैं, वे एक फरवरी (शनिवार) को बजट पेश होने की वजह से खुले रहेंगे.

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