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Budget में घटनी चाहिए स्टांप ड्यूटी-रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीदें

घर खरीदारों को आकर्षक ऑफर्स मिलें तो इस सेक्टर के अच्छे दिन वापस आ सकते हैं

क्विंट हिंदी
बिजनेस
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बजट 2021 से रियल एस्टेट सेक्टर की क्या उम्मीदें हैं
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बजट 2021 से रियल एस्टेट सेक्टर की क्या उम्मीदें हैं
(फोटो- क्विंट हिंदी)

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केंद्रीय बजट 2021 पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. हर बार की तरह इस बार भी बजट से अलग-अलग सेक्टर्स की खास उम्मीदें हैं. लेकिन इस साल का बजट आमतौर पर पेश होने वाले बजट से हटकर रहने वाला है, वजह है कोरोना वायरस और इसी की वजह से इकनॉमी के कई सेक्टर्स पर बुरा असर हुआ. इन्हीं सेक्टर्स में से एक है रियल एस्टेट सेक्टर. मतलब आपके सपनों के घर वाला सेक्टर.

कोरोना वायरस संकट की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घर चले गए और कंस्ट्रक्शन का कामकाज रुक गया. वहीं इसके अलावा लाखों लोगों की नौकरियां गईं जिसकी वजह से लोगों की सेविंग पर बुरा असर पड़ा. इसका अच्छा खासा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा है.

लेकिन जुलाई महीने के बाद से इकनॉमिक एक्टिविटी बढ़ीं और इकनॉमी में फिर से तेजी देखने को मिलीं. आम नौकरी पेशा लोगों की इस दौरान अच्छी खासी सेविंग हुई है और अब वो निवेश के नए आयाम ढूंढ रहे हैं.

ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में ऐसे कुछ प्रावधान लाए जाएं जिससे कि रियल एस्टेट प्रॉपर्टी सस्ती हो जाए. अगर ऐसा होता है तो घर खरीदारों को आकर्षक ऑफर्स मिलेंगे. घरों की डिमांड बढ़ेगी और इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा.

आपको बतातें हैं कि बजट 2021 से रियल एस्टेट सेक्टर की क्या उम्मीदें हैं-

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इंडस्ट्री स्टेटस

रियल स्टेट सेक्टर की कई सालों से मांग रही है कि उन्हें इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाए. इससे इस सेक्टर के डेवलपर्स को सस्ता कर्ज जुटाने में आसानी होगी. अभी के मुकाबले प्रक्रिया आसान हो सकेगी. फिलहाल अफोर्डेबल हाउसिंग में इंडस्ट्री स्टेटस दिया गया है, सेक्टर की मांग है कि सभी को ये दर्जा दिया जाए.

GST रिफॉर्म

सेक्टर की मांग है कि आने वाले बजट में उन्हें जीएसटी में राहत दी जाए. डेवलपर्स की मांग है कि इंडस्ट्री को इनपुट टैक्स क्रेडिट की व्यवस्था फिर से लागू की जाए, इससे कंस्ट्रक्शन की लागत में कमी आएगी. एक्सपर्ट्स को ऐसा लगता है कि इससे घर बनाने की लागत में कमी आएगी और घरों की प्राइस कम हो सकेगी.

स्टांप ड्यूटी में कटौती

पिछले साल महाराष्ट्र ने प्रॉपर्टी की खरीदारी पर स्टांप ड्यूटी घटाई थी और इससे महाराष्ट्र में रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिला था. अगस्त में महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर तक के लिए स्टांप ड्यूटी 5% से घटाकर 2% कर दी थी. अब सेक्टर की उम्मीद है कि केंद्र सरकार को बजट के जरिए ये ड्यूटी कम करना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो लोग आकर्षित होकर घर खरीद सकते हैं और इससे डिमांड बढ़ सकती है.

इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए फंड

रियल एस्टेट इंडस्ट्री का काफी लंबे वक्त से मुद्दा रहा है कि उनको आसानी से कर्ज नहीं मिलता. फंड की कमी की वजह से प्रोजेक्ट में देरी होती है. अगर डेवलपर बाहर से कर्ज लेता है तो कर्ज महंगा मिलता है और आखिरकार प्रोजेक्ट का प्राइस बढ़ जाता है, जिसकी वजह से प्रॉपर्टी के दाम ज्यादा होते हैं. सेक्टर को उम्मीद है कि सेक्टर को आसानी से कर्ज उपलब्ध हो इसके लिए सरकार बजट में कुछ कदम उठाएगी.

सिंगल विंडो क्लियरेंस

रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए कई तरह के क्लियरेंस लेते होते हैं और डेवलपर्स को ये क्लियरेंस हासिल करने के लिए कई दफ्तरों के चक्कर काटने होते हैं. इससे वक्त भी जाया होता है और इसके लिए बिल्डर्स को ज्यादा खर्च भी करना होता है. सेक्टर की मांग है कि अगर एक ही दफ्तर से सारे क्लियरेंस मिलेंगे तो इंडस्ट्री को इससे फायदा होगा.

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