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Budget 2023: MSME को कुछ अच्छा मिला तो निराशा भी हाथ लगी- एक्सपर्ट ने बताया

Budget 2023| कई स्टार्टअप में जागरुकता की कमी है कि कैसे इन सरकारी फायदों तक पहुंचा जाए: एक्सपर्ट

क्विंट हिंदी
बिजनेस
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Budget 2023: MSME को कुछ अच्छा मिला तो निराशा भी हाथ लगी- एक्सपर्ट ने बताया

फोटो- क्विंट हिंदी

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भारतीय अर्थव्यवस्था में दशकों से बड़ा योगदान देने वाला लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग (MSME) को कोरोना महामारी में काफी बड़ा झटका लगा था. ऐसे में एमएसएमई की बजट से बड़ी अपेक्षाएं थीं. एमएसएमई से जुड़े कई हितधारकों ने तो बजट को एमएसएमई के लिए वरदान बताया मगर कुछ इस बात से सहमति नहीं रखते. क्विंट हिंदी ने MSME सेक्टर के कई उद्योगों से बात की और उनकी राय जानी.

पूरे बजट पर कोटक महिंद्र बैंक के सीईओ उदय कोटक ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "इस बजट में विजन है, एक स्ट्रक्चर है और अनुशासन है. सभी को इसका फायदा मिलेगा. हर भारतीय की पर कैपिटा इनकम में इजाफा होगा, जो अभी 1.97 लाख ($2400) है. यह वाकई में अमृतकाल का पहला बजट है."

MSME पर बात करते हुए, ट्रूली देसी के को फाउंडर मोहित राठौड़ ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "कृषि क्षेत्र काफी सालों से ही असंगठित रहा है और बजट में कहा गया है कि सरकार एग्री एक्सिलरेटर फंड लॉन्च करेगी जो कृषि से जुड़ी टेक फर्म और स्टार्टअप को मदद करेगी. साथ ही ये सेक्टर ऑर्गेनाइज्ड हो पाएगा. सरकार को चाहिए कि वे किसानों को मार्केट लिंकेज उपलब्ध करवाएं ताकि वे अपना प्रोडक्ट देश में और बाहर बेच सके."

ये अच्छी बात है कि हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के लिए एमरजेंसी फंड रखा गया है जो कि जरूरी था. लेकिन अब भी इस सेक्टर के स्टार्टअप में जागरुकता की कमी है कि कैसे इन फायदों तक पहुंचा जाए. ये अच्छा है कि, MEME स्टार्टअप अगर फेल हो जाता है तो सरकार उसकी मदद करेगी लेकिन इसमें भी कई खामियां हो सकती हैं खासकर उन स्टार्टअप के लिए जो अभी तक उठ नहीं पाए हैं.
वंदिता पुरोहित, फाउंडर, माऊजी कैफे

"ये अच्छी बात है कि हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के लिए एमरजेंसी फंड रखा गया है जो कि जरूरी था. लेकिन अब भी इस सेक्टर के स्टार्टअप में जागरुकता की कमी है कि कैसे इन फायदों तक पहुंचा जाए."

(ग्राफिक- क्विंट हिंदी)

एक्विस टेक्नॉलजी के फाउंडर विकास जैन ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "स्टार्टअप में टैक्स को लेकर मिलने वाले फायदे सराहनीय है लेकिन उसमें और बेहतरी की उम्मीद है. जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तवज्जो दी गई हैं वह भी सही है. मेक AI इन इंडिया देश और इस पर निर्भर बिजनेस के लिए गेम चेंजर साबित होगी."

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एलिस्टा और टेक्नोडोम के चेयरमैन और एमडी साकेत गौरव ने कहा कि, "दुनिया को यह पता है कि भारत कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है. हमें खुशी है कि टीवी पैनल के ओपन सेल्स पर कस्टम ड्यूटी घटा कर 2.5% कर दी गई है, इससे स्मार्ट टीवी तक सबकी पहुंच बढ़ेगी. यह बजट एमएसएमई के हित में ही है. ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है."

हमारी अभी भी यही अपेक्षा है कि हेल्दी इंडिया की पहल करने वाली सरकार को वेलनेस पर लगने वाले टैक्स को कुछ कम करना चाहिए. साथ ही हमारे देश में पहले से ही कई लोग ऐसे हैं जिन्हें सही मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाता है फिर बाजरे को इतनी तवज्जो देने का मतलब है कि आप उन्हें और कुपोषित बना रहे हैं. मेरी यही अपेक्षा रहेगी कि बजट का फोकस अंडा, मांस और घी जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ पर होना चाहिए.
मुग्धा प्रधान, सीईओ और फाउंडर, आईथ्राइव

"मेरी यही अपेक्षा रहेगी कि बजट का फोकस अंडा, मांस और घी जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ पर होना चाहिए."

(ग्राफिक- क्विंट हिंदी)

UBON के को फाउंडर मंदीप अरोड़ा ने कहा कि, "मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर के लिए बजट अच्छा है क्योंकि कई इलेक्ट्रिक आइटम पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है. हालांकि ये सेक्टर इस बात से निराश है कि कोई इंसेटिव की घोषणा नहीं हुई जैसे डॉमेस्टिक डिजाइन के लिए, पीएलआई स्कीम को बढ़ाने के लिए और सप्लाय चेन को मजबूत करने के लिए जिसकी इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत है. हमें आशा है कि ये सारी समस्याएं अगले बजट में दूर की जाएंगी ताकि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया जा सके."

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