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भारतीय अर्थव्यवस्था में दशकों से बड़ा योगदान देने वाला लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग (MSME) को कोरोना महामारी में काफी बड़ा झटका लगा था. ऐसे में एमएसएमई की बजट से बड़ी अपेक्षाएं थीं. एमएसएमई से जुड़े कई हितधारकों ने तो बजट को एमएसएमई के लिए वरदान बताया मगर कुछ इस बात से सहमति नहीं रखते. क्विंट हिंदी ने MSME सेक्टर के कई उद्योगों से बात की और उनकी राय जानी.
पूरे बजट पर कोटक महिंद्र बैंक के सीईओ उदय कोटक ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "इस बजट में विजन है, एक स्ट्रक्चर है और अनुशासन है. सभी को इसका फायदा मिलेगा. हर भारतीय की पर कैपिटा इनकम में इजाफा होगा, जो अभी 1.97 लाख ($2400) है. यह वाकई में अमृतकाल का पहला बजट है."
MSME पर बात करते हुए, ट्रूली देसी के को फाउंडर मोहित राठौड़ ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "कृषि क्षेत्र काफी सालों से ही असंगठित रहा है और बजट में कहा गया है कि सरकार एग्री एक्सिलरेटर फंड लॉन्च करेगी जो कृषि से जुड़ी टेक फर्म और स्टार्टअप को मदद करेगी. साथ ही ये सेक्टर ऑर्गेनाइज्ड हो पाएगा. सरकार को चाहिए कि वे किसानों को मार्केट लिंकेज उपलब्ध करवाएं ताकि वे अपना प्रोडक्ट देश में और बाहर बेच सके."
एक्विस टेक्नॉलजी के फाउंडर विकास जैन ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "स्टार्टअप में टैक्स को लेकर मिलने वाले फायदे सराहनीय है लेकिन उसमें और बेहतरी की उम्मीद है. जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तवज्जो दी गई हैं वह भी सही है. मेक AI इन इंडिया देश और इस पर निर्भर बिजनेस के लिए गेम चेंजर साबित होगी."
एलिस्टा और टेक्नोडोम के चेयरमैन और एमडी साकेत गौरव ने कहा कि, "दुनिया को यह पता है कि भारत कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है. हमें खुशी है कि टीवी पैनल के ओपन सेल्स पर कस्टम ड्यूटी घटा कर 2.5% कर दी गई है, इससे स्मार्ट टीवी तक सबकी पहुंच बढ़ेगी. यह बजट एमएसएमई के हित में ही है. ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है."
UBON के को फाउंडर मंदीप अरोड़ा ने कहा कि, "मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर के लिए बजट अच्छा है क्योंकि कई इलेक्ट्रिक आइटम पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है. हालांकि ये सेक्टर इस बात से निराश है कि कोई इंसेटिव की घोषणा नहीं हुई जैसे डॉमेस्टिक डिजाइन के लिए, पीएलआई स्कीम को बढ़ाने के लिए और सप्लाय चेन को मजबूत करने के लिए जिसकी इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत है. हमें आशा है कि ये सारी समस्याएं अगले बजट में दूर की जाएंगी ताकि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया जा सके."
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