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2 फरवरी को अडानी एंटरप्राइस (Adani Enterprise) ने 20 हजार करोड़ रुपये के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को वापस ले लिया है और कहा है कि वो निवेशकों को पैसा लौटा देंगे. अडानी समूह का यह फैसला केंद्रीय बजट (Budget 2023) पेश होने के बाद आया है.
अडानी समूह को यह फैसला इसलिए लेना पड़ा क्योंकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenberg Report) ने कंपनी पर कई बड़े आरोप लगा दिए जिससे कंपनी को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो गया. इससे मार्केट पर भी असर पड़ा है, दूसरी ओर बजट का मार्केट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा.
अब एक तरफ इतना बड़ा एफपीओ अडानी ने वापस लिया और दूसरी तरफ बजट पेश हुआ, तो आने वाले दिनों में इनका बाजार पर क्या असर पड़ेगा ये हमने जाना कुछ मार्केट एक्सपर्ट से.
बजट की बात केआर चोकसी ग्रुप के देवेन आर चोकसी ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "बजट ऐसा दस्तावेज है जिसका असर तुरंत देखने को मिले ऐसा नहीं है, आने वाले सालों में इसका असर देखने को मिलता है. ये हमेशा से देखा गया है कि इसका असर लॉन्ग टर्म में ही दिखाई देता है. बजट में देखा जा सकता है कि सरकार जो पहल कर रही है उसके लिए अच्छा पैसा आवंटित किया गया है. फिर चाहे वो इंफ्रास्ट्रक्चर हो, कृषि या फाइनेंस का क्षेत्र हो. यहां तक कि यह बजट पूरी दुनिया को एक मजबूत संदेश भेज रहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए काफी पैसा लगा रही है."
अडानी पर सीएनबीसी से बात करते हुए सेबी के पूर्व एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर जेएन गुप्ता ने बताया कि, "हिंडनबर्ग की रिर्पोर्ट को लेकर अडानी और हिंडनबर्ग के बीच केवल जुबानी जंग चल रही है. ऊपर से ये सब आम लोगों के सामने हो रहा है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट उन्हीं तथ्यों को सामने लेकर आई है जो पहले से ही आम लोगों के बीच मौजूद है. अब जो मार्केट को नहीं समझते हैं, वे लोग ये सब होता हुआ देख यह कह रहे हैं कि, 'इससे भारत को नुकसान होगा, बाजार को नुकसान होगा और अडानी को नुकसान होगा.' लेकिन ये समझना जरूरी है कि किसी एक कंपनी पर संकट आना मतलब पूरे सेक्टर पर संकट आना नहीं है."
मई, 2022 में एलआईसी के आईपीओ में भारी गिरावट आई और निवेशकों को 68,100 करोड़ रुपयों का नुकसान हो गया.
देवेन चोकसी आगे बताते हैं कि, जहां तक कि अडानी FPO की बात है तो जो हुआ शायद ऐसा ही होना था. अब FPO के जरिए पैसे तो पहले ही जुटा लिए गए, लेकिन उसी वक्त अडानी के शेयरों में भारी गिरावट होने लगी जिसने अडानी पर दबाव डाला और ये गिरावट तो अडानी के अकाउंट में नुकसान के नाम से दर्ज होगी जो कि ठीक नहीं होगा."
उन्होंने आगे कहा कि, "अभी जो हालात बने हैं वो बेहद ही नकारात्मक हैं. शेयरों की कीमतों में काफी नुकसान हो गया, फिलहाल तो यही लगता है कि छवि बेहतर हो जाए और छवि तभी बेहतर होगी जब शेयरों की कीमत में बढ़ोतरी होगी. अडानी समूह के फंडामेंटल्स अच्छे हैं, शेयरों की कीमत बढ़ेगी."
उन्होंने आगे कहा कि- ''इससे निवेशकों में विश्वास की बहाली ही हुई है, उन्हें पता है कि अडानी उनका नुकसान नहीं करेंगे. इससे निवेशक अब अडानी पर भरोसा कर पाएंगे. FPO वापस लेने से भले ही 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, लेकिन अगर वापस नहीं लेते तो 80,000 करोड़ से 90,000 करोड़ तक का नुकसान हो सकता था."
एसपी तुल्सियन ने कहा कि, कुछ एक महीने में चीजें ठीक होती दिखाई दे सकती हैं. शेयर बाजार में अब अडानी के शेयरों की वजह से उतार-चढ़ाव ज्यादा देखने नहीं मिलेगा क्योंकि बाजार पर अब बजट का सकारात्मक प्रभाव पड़ता दिखेगा.
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