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नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट (Interim Bedget 2024) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को सौर ऊर्जा के संबंध में भी कुछ बाते कही हैं. उन्होंने ऐलान किया कि सरकार द्वारा लॉन्च की गई रूफटॉप सोलर स्कीम का लाभ उठाने वाले लोग हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली के हकदार होंगे और उन्हें सालाना 18 हजार रुपये तक बचाने में मदद मिलेगी.
अंतरिम बजट स्पीच में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को हरित विकास और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छत पर सौर ऊर्जीकरण सहित कई उपायों का ऐलान किया.
उन्होंने कहा कि यह योजना अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प का पालन करती है. इसके परिणामस्वरूप फ्री सौर बिजली और वितरण कंपनियों को अधिशेष (Surplus) बेचने से परिवारों को सालाना 15 से 18 हजार रुपये की बचत होगी.
2070 तक 'नेट-जीरो' की प्रतिबद्धता को पूरा करने के उद्देश्य से, वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट 2024-25 के हिस्से के रूप में प्रस्तावित किया.
एक गीगा-वॉट की प्रारंभिक क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि प्रदान की जाएगी.
2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी. इससे प्राकृतिक गैस, मेथनॉल और अमोनिया के आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी.
परिवहन के लिए सीएनजी (Compressed Natural Gas) और घरेलू उद्देश्यों के लिए पीएनजी (Piped Natural Gas) में सीबीजी (Compressed Bio Gas) का स्टेप बाय स्टेप मिक्सिंग जरूरी किया जाएगा.
स्टोरेज में सहायता के लिए बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
केंद्र सरकार लॉन्च की गई इस योजना के तहत उपभोक्ताओं के लिए छतों पर सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित करना शामिल होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना लॉन्च करते वक्त कहा था कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर लगाने के टारगेट के साथ 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' शुरू करेगी.
Ministry of New and Renewable Energy की वेबसाइट के मुताबिक दिसंबर 2023 तक भारत में सौर ऊर्जा स्थापित करने की क्षमता करीब 73.31 गीगावॉट तक पहुंच गई है. इस बीच, दिसंबर 2023 तक छत पर सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है.
सौर क्षमता के मामले में राजस्थान 18.7 गीगावॉट के साथ टॉप पर है. गुजरात 10.5 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है.
अगर घरों की छतों सोलर सिस्टम लगाते की बात की जाए तो, गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट के साथ दूसरे पायदान पर है.
विशेष रूप से, देश की मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में सोलर एनर्जी की बड़ी हिस्सेदारी है, जो लगभग 180 गीगावॉट है.
CEEW की एक रिपोर्ट से पता चला है कि देश भर में लगभग 25 करोड़ घरों की छतों पर 637 गीगावॉट सौर ऊर्जा लगाने की क्षमता है. हालांकि इसे पूरी तरह से उपयोग करना अवास्तविक होगा. इसमें कहा गया है कि इस क्षमता का पांचवां हिस्सा, करीब 118 गीगावॉट क्षमता, निश्चित तौर पर मुमकिन है.
भारत की स्थापित रूफटॉप सोलर क्षमता में अब तक परिवारों की हिस्सेदारी एक छोटा हिस्सा, करीब 20 फीसदी है, जिसमें से ज्यादातर कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में है.
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