भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी और अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) पेश किया. देश के नागरिकों की नजर इस अंतरिम बजट पर थी क्योंकि आगामी महीनों में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बजट के जरिए लोगों को उम्मीद थी कि रेलवे सेक्टर में कुछ बदलावों का ऐलान किया जाएगा. आइए जानते हैं कि वित्तमंत्री ने रेलवे सेक्टर के लिए क्या ऐलान किया है.
Railway Budget 2024: वंदे भारत, मेट्रो रेल और नमो भारत का विस्तार
निर्मला सीतारमण ने मेट्रो रेल और नमो भारत जैसी प्रमुख रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अतिरिक्त शहरों तक विस्तारित करने का ऐलान किया. मेट्रो और नमो भारत के तहत चल रहे मौजूदा प्रोजेक्ट्स को बढाया जाएगा.
इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने 40 हजार रेल बोगियों को वंदे भारत कोच में बदलने की बात भी कही है.
वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के निचले सदन में अपना अंतरिम बजट भाषण पढ़ते हुए कहा कि नए वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में ₹2.55 लाख करोड़ की राशि निर्धारित की गई है. यह संख्या उस ₹2.4 लाख करोड़ के आंकड़े की तुलना करती है जो वित्तीय वर्ष 2024 के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में रेलवे को आवंटित किया गया था. यानी सरकार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर ₹2.55 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है, इसके तहत सरकार ट्रेन की बोगियो से लेकर वंदे भारत के मैन्युफैक्चरिंग पर खर्च करेगी.
Railway Budget 2024: तीन कॉरिडोर बनाने का ऐलान
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 3 बड़े आर्थिक रेलवे कॉरिडोर बनेंगे.
ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर - सीमेंट और कोयला ढोने के लिए अलग से कॉरिडोर बनाया जाएगा.
पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर- ये कॉरिडोर देश के प्रमुख बंदरगाहों को जोड़ेगा.
हाई डेंसिटी कॉरिडोर - जिन रेल रूट में भीड़ ज्यादा होती है, उसके लिए यह कॉरिडोर होगा.
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति के तहत परियोजनाओं की पहचान की गई है. इनसे रसद व्यवस्था संबंधी कार्यकुशलता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी.
हाई ट्रैफिक कॉरिडोर में भीड़ कम करने से, यात्री ट्रेनों के संचालन में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे यात्रियों के लिए सुरक्षा और उच्च यात्रा गति में बढ़ोतरी होगी.
समर्पित मालभाड़ा गलियारों के साथ-साथ इन तीन आर्थिक गलियारा कार्यक्रमों से हमारी जीडीपी की विकास दर बढ़ेगी तथा रसद व्यवस्था संबंधी लागत में भी कमी आएगी.निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
केंद्रीय बजट 2023-24 में रेलवे के लिए क्या था?
केंद्रीय बजट 2023-24 में मंत्रालय ने भारतीय रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय (Capital Outlay) आवंटित किया था. यह अब तक का सबसे ज्यादा परिव्यय था और वित्तीय वर्ष 2013-14 में किए गए परिव्यय का लगभग नौ गुना था. विशेष रूप से, रेलवे का पूंजीगत व्यय 2014 तक सालाना 45,980 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था. भारतीय रेलवे के पास इस वक्त देश भर में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर सहित कई परियोजनाएं चल रही हैं. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में पूंजीगत व्यय और बढ़ेगा क्योंकि सरकार बुनियादी ढांचे को अपने प्रमुख एजेंडे के रूप में रखती है.
कई राज्यों में प्रोजेक्ट चला रहा है रेलवे
मौजूदा वक्त में भारतीय रेलवे पूर्वोत्तर राज्यों में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चला रहा है, जिसमें सिक्किम तक रेल नेटवर्क का विस्तार और नैरो गेज (NG) लाइनों को ब्रॉड गेज (BG) में बदलने का काम शामिल है.
इससे पहले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि
रेलवे सेक्टर में, पूर्वोत्तर क्षेत्र में अहम विकास परियोजनाएं चल रही हैं. रेलवे ने पूर्वोत्तर के लिए लगभग 10,269 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट आवंटित किया है, जो पिछले 2,122 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है. पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे की परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं, इस क्षेत्र में दो अतिरिक्त वंदे भारत ट्रेनों की योजना है. भारतीय रेलवे पूर्वोत्तर राज्यों के परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है.
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