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इंटरनेट की रहस्यमय करेंसी बिटकॉइन को 8 साल ही हुए हैं लेकिन इसके खूब चर्चे हैं. इसके भाव हैरान करने वाले हैं तो बहुत से लोग इस बात से अचरज में हैं कि कैसे घर बैठे लोग बिटकॉइन से ही करोड़पति बन गए हैं. इसे क्रिप्टोकरेंसी का बादशाह कहा जा सकता है क्योंकि कई करेंसी आई और गईं बिटकॉइन पूरे दम-खम से कायम है. हम ऐसी 10 बातें आपको बता रहे हैं जो शायद किसी ने ना बताई हों पर ये जानना बेहद जरूरी है.
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22 मई को बिटकॉइन पिज्जा डे के तौर पर मनाया जाता है? लेकिन इसकी वजह क्या है बहुत कम लोग जानते होंगे. असल में पहली बार 22 मई 2010 को बिटकॉइन से पिज्जा खरीदा गया था. उस वक्त ये बड़ी बात थी क्योंकि तब तक कोई रिटेलर बिटकॉइन को करेंसी के बदले स्वीकार नहीं करता था.
22 मई 2010 को 10,000 बिटकॉइन के बदले लेजलो हैंयेज ने पापा जॉन के दो पिज्जा खरीदे थे. उस वक्त 10,000 बिटकॉइन का दाम $41था. अब एक बिटकॉइन का दाम 15000 डॉलर है.
बिटकॉइन की तादाद सीमित है सिर्फ 2.10 करोड़ ही है, इससे ज्यादा नहीं. अब तक सिस्टम में 1.67 करोड़ बिटकॉइन जारी हो चुके हैं. माइनिंग के जरिए हर 10 मिनट में करीब 12.5 नए बिटकॉइन रिलीज हो रहे हैं. माइनिंग का मतलब यह नहीं कि इन्हें माइन से निकाला जाता है. बल्कि नए बिटकॉइन के लिए दुनियाभर में कंप्यूटर नेटवर्क में कंपिटीशन मेंं नए बिटकॉइन तैयार होते हैं.
बिटकॉइन के लिए प्राइवेट की (पासवर्ड) या चाबी जरूरी है. अगर यह लापता हुए तो बिटकॉइन भी जाना तय मानिए. अमेरिका के जेम्स हॉवेल ने जरा सी लापरवाही से 7,500 बिटकॉइन गवां दिए थे. 2013 में घर की सफाई के वक्त हॉवेल ने अपनी हार्ड डिस्क फेंक दी थी जिसमें बिटकॉइन का पासवर्ड था. अभी के भाव में इनकी कीमत करीब 10 करोड़ डॉलर है.
बिटकॉइन की माइनिंग में बड़े पैमाने पर बिजली खर्च होती है. इसकी वजह है तगड़ा कंपिटीशन. जैसे जैसे दाम बढ़ता है, वैसे ये और बढ़ता जाता है. अनुमान के मुताबिक एक बिटकॉइन को हासिल करने में प्रति घंटे करीब 215 किलोवॉट बिजली खर्च होती है.
बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट है सतोशी. ये नाम क्रिप्टोकरेंसी ईजाद करने वाले सतोशी नाकामोटो के नाम पर रखा गया है. बिटकॉइन के मौजूदा भाव के हिसाब से एक सतोशी का भाव इस वक्त $0.0002 है. इस तरह धीरे धीरे कई सतोशी जुटाकर बिटकॉइन हासिल किए जा सकते हैं.
आशंका है कि हैकर्स ने एक्सचेंजों से 9,80,000 से ज्यादा बिटकॉइन की चोरी कर ली है. चोरी हुए बिटकॉइन के दाम 15 अरब डॉलर से ज्यादा हैं. इनमें बहुत कम ही बरामद हो पाए हैं.
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काफी कोशिशों के बावजूद अभी तक यह पता नहीं चला है कि बिटकॉइन किसने बनाया. तरह तरह के दावों के बावजूद अभी तक पक्के तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. अभी भी किसी को नहीं मालूम कि सतोशी नाकामोतो कौन हैं? जानकारों को लगता है कि ये छद्म नाम हो सकता है, जिसका इस्तेमाल डेवलपर्स कर रहे हों.
क्रिप्टोकरेंसी मामले में ढेरों कंपिटीटर उतर आए हैं. एक वेबसाइट के मुताबिक इस वक्त दुनिया में 1000 क्रिप्टोकरेंसी हैं. ये बात अलग है कि सबसे ज्यादा प्रीमियम अभी भी बिटकॉइन के पास है.
कुल मिलाकर 1.67 लाख बिटकॉइन जारी हो चुके हैं लेकिन अब तक इनमें से आधे ही सर्कुलेशन या पहुंच में हैं. पासवर्ड भूल जाने, गलती से खो जाने, जमाखोरी की वजह से बहुत बड़ी तादाद में बिटकॉइन का पता ही नहीं है. ऐसे में ये पता लगा पाना असंभव ही है कि कितने बिटकॉइन खो गए हैं.
बिटकॉइन ट्रांजैक्शन प्रक्रिया में फीस के दाम सालभर में काफी बढ़ गए हैं. हर बिटकॉइन लेन-देन में करीब $7.3 का खर्च आता है.
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