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बिटकॉइन में पैसे लगाने से पहले कीमतों में क्रैश का इतिहास जान लें

18 दिसंबर को बिटकॉइन की कीमत 19,511 डॉलर थी, जो महज 5 दिनों में गिरकर 12,192 डॉलर पर पहुंच गई

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ख्वाब और खतरा ऐसी दो चीजें हैं जो हर एक शख्स का ध्यान जरूर खिंचती है, जाहिर है कि इनकी ही खबरें भी बनती हैं. कुछ ऐसा ही ख्वाब बिटकॉइन ने लोगों को दिखाया है. कम पैसा लगाकर जल्दी से जल्दी ज्यादा पैसे कमाने का ख्वाब. अब बारी इसके खतरों के बारे में जानने की.

हालिया, दिनों में बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट की खबरें सुर्खियों में बनी थी. ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक 18 दिसंबर को बिटकॉइन की कीमत 19,511 डॉलर थी, जो महज 5 दिनों में गिरकर 12,192 डॉलर पर पहुंच गई यानी कुल 38 पर्सेंट की गिरावट दर्ज की गई, जो किसी भी बिटकॉइन इंवेस्टर को डराने के लिए काफी है.

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खबर यहीं खत्म नहीं होती है, बिटकॉइन के कीमतों में क्रैश का इतिहास जानना भी जरूरी है.

जरा इस ग्राफ पर नजर डालिए

  • साल 2011 में एक वक्त ऐसा आया जब बिटकॉइन की कीमतों में 93 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. मतलब ये कि अगर आपने 100 रुपये का 1 बिटकॉइन खरीदा है तो उसकी कीमत गिरकर 7 रुपये हो गई. आप के 93 रुपये पानी में चले गए.
  • साल 2013 में इसकी कीमतों में एक बार 70 फीसदी का क्रैश आया, 2014 में 86 फीसदी और अब 2017 में 38 फीसदी का क्रैश देखा गया है.
  • रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, बिटकॉइन की कीमत में अगस्त 2011 से हर दिन औसतन 3 फीसदी का बदलाव आया है. मतलब हर दिन कम से कम 3 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी. इतनी तेजी का सुकून से फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि देश में इस पर रेगुलेशन हो, फिलहाल ऐसा नहीं है.

ऐसे में क्या करना चाहिए....

अगर आप रिस्क उठाने में कतराते नहीं है. ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में होने वाले नुकसान को सह सकते हैं तो बिटकॉइन आपके लिए है. लेकिन ये भी ध्यान रहे कि कीमतों में अब रोजाना 10 फीसदी से भी ज्यादा का बदलाव आ सकता है. ऐसे में कमजोर दिलवालों के लिए तो बिटकॉइन बिलकुल नहीं है. किसी के कहने पर बिटकॉइन में निवेश करने से बचें.

चलते-चलते...

अगर अब तक आपको ये नहीं पता चला कि आखिर बिटकॉइन क्या बला है, तो जान लीजिए कि ये एक वर्चुअल करेंसी है. मतलब वर्चुअल दुनिया की वर्चुअल करेंसी, जिसका कोई फंडामेंटल आधार नहीं है. साफ है कि भारत में कोई भी सरकारी एजेंसी इसे रेगुलेट नहीं करती है. गोल्ड एक धातु है, जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा, ये अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है. रुपये की वैल्यू हमारी अर्थव्यवस्था से जुड़ा है. पाउंड की सेहत यूके की अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जबकि येन का जापान की अर्थव्यवस्था पर. इससे अलग, बिटकॉइन की अपनी कोई वैल्यू नहीं होती है.

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