Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business news  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Adani Group कर्ज के जाल में फंस सकता है- क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट में चेतावनी

Adani Group कर्ज के जाल में फंस सकता है- क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट में चेतावनी

Adani Group की छह सूचीबद्ध कंपनियों पर 2021-22 में 2.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था.

प्रतीक वाघमारे
बिजनेस न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>Adani Group के कर्ज पर&nbsp;क्रेडिटसाइट्स की चेतावनी</p></div>
i

Adani Group के कर्ज पर क्रेडिटसाइट्स की चेतावनी

(फोटो: IANS)

advertisement

आप इस रिपोर्ट से अलग विचार पेश करता लेख यहां पढ़ सकते हैं, जो ये बताती है कि क्योंकि कर्ज को ग्रुप की तमाम कंपनियों के संदर्भ में देखना चाहिए और साथ ही ये भी दाने चाहिए कि समूह का आकार क्या है और उसकी आमदनी कितनी है?

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) की यूनिट क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) ने अरबपति गौतम अडानी के अडानी समूह (Adani Group) को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी भारी कर्ज (Deeply Overleveraged) में है और कहा है कि कंपनी कर्ज के जाल में फंस (Debt Trap) सकती है.

रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि अडानी समूह Over Leveraged हो चुका है. आसान भाषा में इसका मतलब बहुत ज्यादा कर्ज में होना होता है. बिजनेस की भाषा में कहें तो अडानी समूह का जो कैश फ्लो है, उसकी तुलना में कर्ज बहुत ज्यादा है.

इसका मतलब यह है कि, अडानी समूह ने कंपनी को शुरू करने के लिए जितनी पूंजी लगाई थी उसकी तुलना में कंपनी को जो कर्ज मिला है वह बहुत ज्यादा है. इसी को ओवरलेवरेज्ड यानी बहुत ज्यादा कर्ज कहा जाता है जिसे आगे चलकर चुकाना मुश्किल हो सकता है. कई मामलों में कंपनियां ब्याज चुकता करने के लिए भी कर्ज लेती है और कर्ज के जाल में फंस जाती है.

कर्ज को मैनेज किया जा सकता है या नहीं इसे देखना भी जरूरी होता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अडानी समूह पर कितना कर्ज है

अडानी ग्रुप की भारतीय शेयर बाजार में छह कंपनियां सूचीबद्ध हैं और समूह की कुछ संस्थाओं के पास अमेरिकी डॉलर बॉन्ड को लेकर बकाया भी है. अडानी समूह की इन छह सूचीबद्ध कंपनियों (Listed Companies) पर 2021-22 में 2.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था.

हालांकि इस समूह के पास जितनी नकदी है उसे हटा दें तो शुद्ध रूप (Net Debt) से कर्ज 1.7 लाख करोड़ रुपये होगा.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सामान्य रूप से समूह मौजूदा और नई इकाइयों में आक्रामक तरीके से निवेश कर रहा है. जाहिर तौर पर अडानी समूह अपनी कंपनियों में जो फंडिंग कर रहा है वो पूरी तरह से कर्ज लेकर हो रही है.

बता दें कि पिछले दो साल में अडानी समूह का हर शेयर बढ़ा है. अडानी एंटरप्राइस के शेयर की कीमत में दो सालों में 14 गुना उछाल आया है. यह पहले 208 रुपये था अब 2,927 रुपये हो चुका है. इसी तरह अडानी ग्रीन के शेयर की कीमत में 12 गुना, अडानी ट्रांसमिशन में 10 गुना, अडानी गैस में 9 गुना और अडानी पावर में 6 गुना का उछाल देखने को मिला है.

वहीं क्रेडिटसाइट्स ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अडानी समूह के भारतीय बैंकों और सरकार के साथ बेहतर संबंध हैं, जो उसके लिए राहत की बात है. बता दें कि अब तक अडानी समूह की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अडाणी ग्रुप टेलिकॉम, सीमेंट, बिजली से लेकर लॉन्ग-टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े तमाम प्रोजेक्ट्स में लगातार बड़े-बड़े निवेश कर रहा है.

(क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड [क्यूडीएमएल] जो द क्विंट का मालिक है और उसका संचालन करता है, ने बीक्यूप्राइम का 49% हिस्सा अडानी समूह को बेचने के लिए एक निश्चित समझौता किया है. बीक्यूप्राइम, क्यूडीएमएल के स्वामित्व वाली एक सहायक कंपनी है. यह स्पष्ट किया और दोहराया जाता है कि क्यूडीएमएल या द क्विंट में अडानी समूह का कोई स्वामित्व नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT