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ये सब जान गए हैं कि अनिल अंबानी को जेल जाने से बचने के लिए बड़े भाई मुकेश अंबानी से 550 करोड़ रुपये की मदद लेनी पड़ी. मगर आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये वही अनिल हैं जो पांच साल पहले करीब 49000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक थे, लेकिन उनके पास अब सिर्फ 2100 करोड़ रुपये के एसेट ही बचे हैं. दूसरी तरफ उनके बड़े भाई हैं, जिनकी दौलत इन पांच सालों में करीब एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है.
फ्लैशबैक में चलें तो 5 साल पहले की बात है. तब अनिल अंबानी की दौलत 7 अरब डॉलर यानी करीब 49000 करोड़ रुपये थी. उस वक्त भी उनकी गिनती दुनिया के बड़े अमीरों में होती थी. लेकिन इसके बाद वो तेजी से उनकी चमक खोने लगे. शेयर बाजार में लिस्टेड उनकी कंपनियों के शेयरों की पिटाई होने लगी और इसी चक्कर में दौलत कम होती चली गई. 2019 आते-आते 700 करोड़ डॉलर सिर्फ 30 करोड़ डॉलर बनकर रह गए.
दूसरी तरफ उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी का ग्राफ इन पांच सालों में लगातार सिर्फ बढ़ा नहीं बल्कि तेज रफ्तार से बढ़ा. जियो लॉन्च होने के बाद तो और रिलायंस इंडस्ट्री का शेयर तेजी से उछला. इसी से अंदाज लगा लीजिए कि 2014 में मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 20.7 अरब डॉलर थी, जो अब बढ़कर 52.9 अरब डॉलर हो गई है. यानी करीब ढाई गुना ज्यादा. दुनिया के अमीरों की फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी इस समय दुनिया के 13वें सबसे अमीर शख्स हैं. वहीं मामले में उनके छोटे भाई अनिल अंबानी 1349वें नंबर पर चले गए हैं.
पिछले 5 सालों में अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर भावों में काफी गिरावट आई है.
जिस दौरान अनिल अंबानी किसी तरह अपनी संपत्ति बेचकर कर्ज चुकाने की कोशिश में थे और बैंकों से कर्ज वसूली में राहत देने की गुहार लगा रहे थे, उस वक्त मुकेश अंबानी अपने जमे जमाए बिजनेस के साथ नया बिजनेस स्थापित करने में लगे रहे. रिलायंस जियो के अलावा रिलायंस रिटेल के बिजनेस में भी बहुत विस्तार किया गया.
बात अनिल अंबानी की करें तो उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम) कभी टेलीकॉम सेक्टर में चमकता सितारा थी. मगर एक समय के बाद यह कंपनी कर्ज के जाल में इस तरह फंसी कि फिर उबर ना सकी.
कमाल की बात है कि जिस टेलीकॉम बिजनेस की वजह से अनिल अंबानी कर्ज के जाल में फंसे, उसी टेलीकॉम सेक्टर में उतरकर मुकेश अंबानी ने पूरे सेक्टर में हलचल मचा दी. एक भाई अर्श पर और दूसरा फर्श पर पहुंच गया.
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