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Apple को रास नहीं आ रहा है चीन, प्रोडक्शन के लिए भारत-विएतनाम की तरफ निगाहें

अप्रैल में, Apple ने कहा था कि उसने भारत में नई पीढ़ी के iPhones और iPhone 13 सीरीज का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है.

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बिजनेस न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>Apple Inc. भारत में चीन के मुकाबले उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रही है - रिपोर्ट</p></div>
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Apple Inc. भारत में चीन के मुकाबले उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रही है - रिपोर्ट

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बीजिंग (Beijing) के सख्त कोविड-रोधी (COVID-19) उपायों से परेशान, (एप्पल) Apple Inc. ने अपने कुछ कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चर्स से कहा है कि वह चीन के बाहर प्रोडक्शन चाहता है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और वियतनाम, जो पहले से ही एप्पल उत्पादन की साइट हैं, उन देशों में शामिल हैं जिन्हें चीन के वैकल्पिक उत्पादन केंद्र के तौर पर देखा जा रहा है.

बिजनेस स्टेंडर्ड में छपी रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि iPhone, iPad और MacBook लैपटॉप सहित Apple के 90 प्रतिशत से अधिक उत्पाद चीन में बाहरी ठेकेदारों द्वारा निर्मित किए जाते हैं. अप्रैल में ऐप्पल की सप्लाई चैन की चुनौतियों का जवाब देते हुए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने कहा था, "हमारी सप्लाई चैन वास्तव में ग्लोबल है और इसलिए प्रोडक्ट हर जगह बनाए जाते हैं. हम एडॉप्शन जारी रखेंगे."

चीन की कोविड-विरोधी नीति के तहत शंघाई और अन्य शहरों में लगाए गए लॉकडाउन ने कई पश्चिमी कंपनियों के लिए सप्लाई चैन को बाधित कर दिया है.

अप्रैल में, Apple ने चेतावनी दी थी कि COVID-19 की वापसी से मौजूदा तिमाही में बिक्री में 8 बिलियन अमरीकी डॉलर तक की रुकावट आएगी. चीन के सख्त कोविड-विरोधी नियमों ने पिछले दो सालों में Apple को अपने अधिकारियों और इंजीनियरों को चीन में भेजने से रोक दिया है, जिसका मतलब है कि उनके लिए व्यक्तिगत रूप से प्रोडक्शन साइट्स की जांच करना मुश्किल हो जाता है. पिछले साल बिजली की कटौती ने विश्वसनीयता के लिए चीन की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित किया.

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भारत ने पिछले साल दुनिया के 3.1 फीसदी आईफोन बनाए

भारत को छोड़कर चीन के पास ही योग्य श्रमिकों की ऐसी संख्या है जो एशिया के कई वैकल्पिक देशों की पूरी आबादी से ज्यादा है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया कि ऐप्पल भारत को अगले चीन के सबसे नजदीकी प्रतिद्वंदी के रूप में देखता है, क्योंकि दोनों ही आबादी में समान हैं और दोनों कम लागत में निर्माण करते हैं. एपल कुछ मौजूदा सप्लायर्स से भारत में एक्सपोर्ट के लिए प्रोडक्शन समेत विस्तार के बारे में बातचीत कर रही है.

रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के मुताबिक, भारत ने पिछले साल दुनिया के 3.1 फीसदी आईफोन बनाए और इस साल यह रेश्यो बढ़कर 6 फीसदी से 7 फीसदी होने का अनुमान है.

अप्रैल में, Apple ने कहा था कि उसने भारत में नई पीढ़ी के iPhones और iPhone 13 सीरीज का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है.

(न्यूज इनपुट्स - बिजनेस स्टैंडर्ड)

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