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कार और टू-व्हीलर्स की घटती बिक्री ने ऑटोमोबाइल कंपनियों के सामने नया संकट खड़ा कर दिया है. मांग न रहने से लगभग 35 हजार करोड़ रुपये की कारें और पैसेंजर गाड़ियां बिक नहीं पाई हैं. लिहाजा कंपनियों ने फिलहाल और गाड़ियां न बनाने का फैसला किया है. मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत दस कार कंपनियों ने आने वले महीनों में कुछ दिनों तक अपने प्रोडक्शन प्लांट बंद रखने का फैसला किया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक जून की शुरुआत में डीलरों के पास कार और दूसरे पैसेंजर व्हेकिल बड़ी तादाद में भरी पड़ी थीं. लगभग साढ़े 17 हजार करोड़ रुपये के 30 लाख टू-व्हीलर्स भी डीलरों के पास बगैर बिक्री के पड़े हैं. गाड़ियों की बिक्री न होने से ऑटोमोबाइल कंपनियों में से कइयों ने कुछ दिनों तक प्रोडक्शन बंद करने की तैयारी कर ली है.
कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि मई-जून में प्लांट बंद रहने से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का प्रोडक्शन 20 से 25 फीसदी कम हो जाएगा. गाड़ियों की बिक्री घटने की सबसे ज्यादा मार डीलरों पर पड़ी है. उनके यहां से बिक्री आधी रह गई है. गाड़ियों पर लगने वाला जीएसटी भी उनके लिए बोझ है क्योंकि कंपनियों से गाड़ियों की खरीद पर ही उनसे जीएसटी वसूल लिया जाता है.
मारुति, महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने मई में कुछ दिनों तक प्रोडक्शन बंद रखने का फैसला किया है. होंडा कार्स इंडिया, रेनो निशान एलायंस और स्कोडा ऑटो ने इस महीने चार से दस दिनों तक प्लांट बंद रखने का फैसला किया है. मारुति सुजुकी, होंडा कार्स इंडिया और रेनो निसान ने कहा है कि उन्होंने प्लांट बंद रखने का फैसला पहले कर लिया था. जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13 दिनों तक प्लांट बंद रखेगी.
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