Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business news  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Budget 2023 | "कोरोना जैसी स्थिति से निपटने के लिए MSME को चाहिए इमरजेंसी फंड"

Budget 2023 | "कोरोना जैसी स्थिति से निपटने के लिए MSME को चाहिए इमरजेंसी फंड"

Budget 2023: बड़े ब्रांड को टक्कर देने के लिए कॉटेज इंडस्ट्री को मिलनी चाहिए राहत: एक्सपर्ट

प्रतीक वाघमारे
बिजनेस न्यूज
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Budget 2023 | "कोरोना जैसी स्थिति से निपटने के लिए MSME को चाहिए इमरजेंसी फंड"</p></div>
i

Budget 2023 | "कोरोना जैसी स्थिति से निपटने के लिए MSME को चाहिए इमरजेंसी फंड"

फोटो- क्विंट हिंदी

advertisement

(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)

केंद्रीय बजट 2023 (Budget 2023) एक फरवरी को पेश होने वाला है, ऐसे में वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों से बजट को लेकर बातचीत कर रहा है. ऐसे में MSME (Micro, Small & Medium Enterprise) सेक्टर जिसे महामारी के दौरान बड़ा झटका लगा, इस बार के बजट से काफी उम्मीदें रखता है.

पिछले पांच दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एमएसएमई ने न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पैसे पर बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर दिए बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के में औद्योगीकरण में भी मदद की.

क्विंट हिंदी ने एमएसएमई सेक्टर के पांच स्टेकहोल्डर से बात की और उनकी राय जानी.

कनेर बाग - हेरिटेज बूटीक होटल के फाउंडर तुषार परिहार ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "टैक्स में बढ़ोतरी और जीएसटी के चलते हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में कई कमियां हैं. बजट 2023 में टैक्स को लेकर कोई छूट मिलनी चाहिए, ताकि एमएसएमई की जेब पर ज्यादा असर ना पड़े. टैक्स में छूट से टूरिज्म भी बढ़ेगा और इस सेक्टर को फायदा होगा. सरकार को टूरिज्म के सेक्टर में अपने निवेश को बढ़ाना चाहिए ताकि ये सेक्टर फल-फूल सके."

ट्रूली देसी के को-फाउंडर मोहित राठौड़ ने क्विंट हिंदी से कहा कि, "एक मार्केट स्टडी के अनुसार, जानवरों को खिलाए जाने वाले चारे की कीमतों में साल 2022 में उछाल आया है. इस वजह से पशु का पालन करने वाले और डेयरी फार्म चलाने वालों की जेब पर दबाव पड़ा है. परिणाम ये रहा कि दूध और दूध से बनने वाले बाकी खाने के आइटम की कीमत में उछाल आया है. अब लागत में कमी लाने के लिए कदम तो उठाए जा सकते हैं लेकिन ये आसान नहीं होता, हम आशा करते हैं कि इस सेक्टर के लिए भी कुछ ऐसे कदम उठाए जाए ताकि हमें कुछ फायदा मिले."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

MSME के लिए जरूरी है इमर्जेंसी फंड तैयार रखे जाने की जरूरत

माउजी कैफे (Mauji Cafe) की फाउंडर, वंदिता पुरोहित ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, रॉ मटेरियल की बढ़ती कीमतों ने हमें काफी प्रभावित किया है. इस वजह से हम बार बार जो सामान बेचते हैं उसकी कीमतों को नहीं बदल सकते. ग्रोथ हो रही है लेकिन उसका पर्सेंट बेहद ही कम है क्योंकि हम कीमतें नहीं बढ़ा सकते और उसी रेट पर बेचते हैं. अब ऐसी मुसीबतें आचानक से ही आती है तो एमएमएमई सेक्टर के लिए इमर्जेंसी फंड तैयार रखा जाना चाहिए.

MSME के लिए जरूरी है इमर्जेंसी फंड तैयार रखे जाने की जरूरत

फोटो- क्विंट हिंदी

"यदि कोविड जैसी कोई स्थिति आती है या अचानक महंगाई बढ़ती है तो कोई प्लान तैयार होना चाहिए क्योंकि अगर ऐसा कुछ होता है तो हम प्रभावित होते हैं और हमें शून्य से फिर शुरू करना होता है, फिर निवेश करना होता है और हमारा संघर्ष लंबे समय तक चलता है. तो अगर कोई प्लान तैयार हैं, कोई योजनाएं हैं तो हमें उनके बारे में पता होना चाहिए."
वंदिता पुरोहित, फाउंडर, माउजी कैफे

वंदिता कहती हैं कि, "इसलिए एमएसएमई के लिए एक कंटिंजेंसी (इमरजेंसी) फंड बनना चाहिए ताकि कोरोना जैसी कोई भी स्थिति बनती है तो हमें मदद मिल सके."

"बड़े ब्रांड को टक्कर देने के लिए कॉटेज इंडस्ट्री को मिलनी चाहिए राहत"

टॉय ट्रंक के फाउंडर, अजय वैघ ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "कुटीर उद्योग (कॉटेज इंडस्ट्री), हाथ से बनाए जाने वाले खिलौने और बाकी हाथ से बनाई जाने वाली चाजों पर वसूला जाने वाला जीएसटी में कटौती होनी चाहिए. जीएसटी में कमी लाने की जरूरत है ताकि हम विदेशी ब्रांड से और बड़े ब्रांड के सामने टिक सकें. यह मेक इन इंडिया को भी बढ़ावा देगा."

"बड़े ब्रांड को टक्कर देने के लिए कॉटेज इंडस्ट्री को मिलनी चाहिए राहत"

फोटो- क्विंट हिंदी

एक्विस टेक्नॉलजी के फाउंडर विकास जैन ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्यादा स्टार्टअप भारत में हैं और इन्हें सफल बनाने में ऐसे टैक्स सिस्टम की जरूरत है जो स्टार्टअप के लिए हो, साथ ही इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में आने वाले कई प्रोविजन को अगर कम किया जाए तो इन स्टार्टअप की राह में आने वाली समस्याओं से थोड़ी राहत मिल सकती है."

विकास जैन ने आगे कहा कि, "स्टार्टअप इंडिया के द्वारा सरकारी फंडिंग और विदेशी निवेश भी लॉन्ग टर्म के लिए स्टार्टअप को मददगार साबित हो सकते हैं. इससे नई पीढ़ी को भी अपने बिजनेस के लिए अच्छा वातावरण मिल पाएगा और रोजगार के अवसर भी खुलेंगे."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 23 Jan 2023,01:50 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT