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(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)
केंद्रीय बजट 2023 (Budget 2023) एक फरवरी को पेश होने वाला है, ऐसे में वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों से बजट को लेकर बातचीत कर रहा है. ऐसे में MSME (Micro, Small & Medium Enterprise) सेक्टर जिसे महामारी के दौरान बड़ा झटका लगा, इस बार के बजट से काफी उम्मीदें रखता है.
पिछले पांच दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एमएसएमई ने न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पैसे पर बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर दिए बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के में औद्योगीकरण में भी मदद की.
क्विंट हिंदी ने एमएसएमई सेक्टर के पांच स्टेकहोल्डर से बात की और उनकी राय जानी.
ट्रूली देसी के को-फाउंडर मोहित राठौड़ ने क्विंट हिंदी से कहा कि, "एक मार्केट स्टडी के अनुसार, जानवरों को खिलाए जाने वाले चारे की कीमतों में साल 2022 में उछाल आया है. इस वजह से पशु का पालन करने वाले और डेयरी फार्म चलाने वालों की जेब पर दबाव पड़ा है. परिणाम ये रहा कि दूध और दूध से बनने वाले बाकी खाने के आइटम की कीमत में उछाल आया है. अब लागत में कमी लाने के लिए कदम तो उठाए जा सकते हैं लेकिन ये आसान नहीं होता, हम आशा करते हैं कि इस सेक्टर के लिए भी कुछ ऐसे कदम उठाए जाए ताकि हमें कुछ फायदा मिले."
माउजी कैफे (Mauji Cafe) की फाउंडर, वंदिता पुरोहित ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, रॉ मटेरियल की बढ़ती कीमतों ने हमें काफी प्रभावित किया है. इस वजह से हम बार बार जो सामान बेचते हैं उसकी कीमतों को नहीं बदल सकते. ग्रोथ हो रही है लेकिन उसका पर्सेंट बेहद ही कम है क्योंकि हम कीमतें नहीं बढ़ा सकते और उसी रेट पर बेचते हैं. अब ऐसी मुसीबतें आचानक से ही आती है तो एमएमएमई सेक्टर के लिए इमर्जेंसी फंड तैयार रखा जाना चाहिए.
वंदिता कहती हैं कि, "इसलिए एमएसएमई के लिए एक कंटिंजेंसी (इमरजेंसी) फंड बनना चाहिए ताकि कोरोना जैसी कोई भी स्थिति बनती है तो हमें मदद मिल सके."
एक्विस टेक्नॉलजी के फाउंडर विकास जैन ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्यादा स्टार्टअप भारत में हैं और इन्हें सफल बनाने में ऐसे टैक्स सिस्टम की जरूरत है जो स्टार्टअप के लिए हो, साथ ही इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में आने वाले कई प्रोविजन को अगर कम किया जाए तो इन स्टार्टअप की राह में आने वाली समस्याओं से थोड़ी राहत मिल सकती है."
विकास जैन ने आगे कहा कि, "स्टार्टअप इंडिया के द्वारा सरकारी फंडिंग और विदेशी निवेश भी लॉन्ग टर्म के लिए स्टार्टअप को मददगार साबित हो सकते हैं. इससे नई पीढ़ी को भी अपने बिजनेस के लिए अच्छा वातावरण मिल पाएगा और रोजगार के अवसर भी खुलेंगे."
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