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भारत के पड़ोसी देश चीन में दशकों से प्रॉपर्टी खरीदना सुरक्षित निवेश माना जाता था. लेकिन रियल एस्टेट (China Real Estate crisis Explained) में निवेश अब चीन के मिडिल क्लास के लिए सुरक्षित निवेश की बजाय असंतोष और गुस्से का कारण बन गया है. चीन के 100 से अधिक शहरों में लाखों घर मालिक एकजुट हो गए हैं और और वैसे रियल एस्टेट पर इंस्टॉलमेंट से इनकार कर रहे हैं, जो अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हुए हैं.
चीनी जनता के इस 'आर्थिक बगावत' को कोविड लॉकडाउन के बाद से अपने पैरों पर खड़ी होने की नाकोशिश करती चीनी अर्थव्यवस्था (Chinese Economy) और सरकार में डगमगाते विश्वास का ही हिस्सा माना जा रहा है.
कुछ अनुमानों के अनुसार, चीन में रियल एस्टेट वहां की आर्थिक गतिविधियों का लगभग एक-तिहाई भाग है, और वहां की जनता के लिए उनकी पर्सनल प्रॉपर्टी का लगभग 70 प्रतिशत आवास है. यही कारण है कि अधिकांश चीनी लोगों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण निवेश है.
चीन का रियल एस्टेट मार्केट अभी किन मुश्किलों का सामना कर रहा है?
चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में अभी कर्ज की बड़ी समस्या है. मुसीबत में फंसी कंपनी एवरग्रांडे जैसे बड़े डेवलपर्स ने भारी मात्रा में कर्ज ले लिया है, लेकिन इसके बावजूद उनका निर्माणकार्य रुका हुआ है और इससे बहुत से घर खरीदार नाराज हैं.
चाइना इंडेक्स एकेडमी, जो कि एक रियल एस्टेट रिसर्च कंपनी है, के मुताबिक, "100 बड़े शहरों में इस साल जनवरी से जून के बीच के 6 महीनों में नए घरों की बिक्री में 27 फीसदी की कमी आई. जुलाई में जून की तुलना में 13 फीसदी गिरावट आई, जो बीते साल इसी अवधि की तुलना में 27 फीसदी कम है." मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल में कुल संपत्ति बिक्री में करीब 72 फीसदी की कमी आई है.
पिछले महीने चीन में रियल एस्टेट सेक्टर को सेवाएं और आपूर्ति प्रदान करने वाली सैकड़ों कंपनियों ने सरकारी अधिकारियों को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे "अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे थे" क्योंकि उन्हें महीनों से भुगतान नहीं किया गया हुआ है.
चीन का रियल एस्टेट मार्केट गर्त में क्यों है?
रियल एस्टेट चीन में पर्सनल प्रॉपर्टी का लगभग 70% हिस्सा है. यहां घर खरीदार अक्सर अधूरी परियोजनाओं के लिए अग्रिम भुगतान यानी घर बनने से पहले ही पेमेंट करते हैं. कैपिटल इकोनॉमिक्स में चीन के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री जूलियन इवांस-प्रिचर्ड लिखते हैं कि चीन में बनने वाले नए घरों में से 70%-80% घरों का पेमेंट खरीददार उनके बनने से पहले ही कर देते हैं. साथ ही डेवलपर्स को उस पैसे की आवश्यकता होती है क्योंकि वे इसका उपयोग कई प्रोजेक्ट को एक साथ पूरा करने के लिए करते हैं.
लेकिन कोरोना काल के बाद चीन में युवा और मध्यम वर्ग अब प्रॉपर्टी में निवेश नहीं कर रहा है, संभवतः कमजोर अर्थव्यवस्था, नौकरी छूटने और वेतन में कटौती के कारण , अब उन्हें यह भी डर है कि डेवलपर्स उन प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं कर सकते हैं जिनमें वे निवेश करने जा रहे हैं.
2020 में चीन की सरकार "तीन लाल रेखा" (थ्री रेड लाइन्स) लेकर आई थी ताकि मानदंड की मदद से डेवलपर्स कितना उधार ले सकते हैं, इसको सिमित किया जा सके. इसने भी फंडिंग में कटौती की, साथ ही रियल एस्टेट मार्केट में विश्वास की कमी ने बैंकों की ऐसी कंपनियों को उधार देने की इच्छा को भी प्रभावित किया है.
चीन की सरकार क्या कर रही है?
अब तक शी जिंपिंग की केंद्रीय सरकार स्थानीय सरकारों पर बोझ डाल रही थी- वे घर खरीदारों को कम जमा, टैक्स में छूट और कैश में सब्सिडी के साथ-साथ डेवलपर्स को रिलीफ फंड की पेशकश कर रहे हैं. लेकिन इसके कारण स्थानीय सरकारों के खजाने को नुकसान होगा क्योंकि डेवलपर्स कम जमीन खरीद रहें हैं.
खरीदारों को घर जल्द से जल्द मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए चीनी सरकार ने भी कमर कस ली है. चीन पॉलिसी बैंकों के माध्यम से कंपनियों को स्पेशल लोन देगा. चीन के सरकारी मीडिया ने शुक्रवार, 19 अगस्त को चीन के आवास मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक बयान के हवाले से बताया कई केवल उन्हीं कंपनियों के प्रोजेक्ट को मदद दी जाएगी जो डिलीवरी की कठिनाइयों का सामना कर रहीं हैं.
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