Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business news  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हलका हुआ लॉकडाउन, फिर क्यों ज्यादातर इंडस्ट्री शटडाउन? - 7 वजहें

हलका हुआ लॉकडाउन, फिर क्यों ज्यादातर इंडस्ट्री शटडाउन? - 7 वजहें

कारोबारियों के सामने काम बहाल करने में क्या दिक्कतें आ रही हैं?  

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
Updated:
इंडस्ट्रीज के सामने काम बहाल करने में क्या दिक्कतें आ रही हैं?  
i
इंडस्ट्रीज के सामने काम बहाल करने में क्या दिक्कतें आ रही हैं?  
(फोटो : ब्लूमबर्ग क्विंट )

advertisement

कोरोना लॉकडाउन के तीसरे फेज में केंद्र सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर सुधार के लिए रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के आधार पर कई गतिविधियों को छूट दी है. मगर इस छूट के बाद भी बहुत सी कंपनियों और फैक्ट्रियों को अपना काम फिर से शुरू करने में कई तरह की दिक्कतों और असमंसज की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसे में सवाल उठता है कि ये मुश्किलें क्या हैं और असमंजस की स्थिति क्यों पैदा हुई है? चलिए कुछ प्वाइंट्स के आधार पर इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं:

( फोटो: अरूप मिश्रा, क्विंट)

कामगारों की कमी

बता दें कि कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले बहुत से प्रवासी कामगार कोरोना लॉकडाउन की वजह से अपने घर लौट चुके हैं या लौट रहे हैं. अब जब सरकार ने गतिविधियों को शुरू करने की छूट दी है, तो भी कामगारों का अपने काम पर लौटना आसान नहीं है.

दरअसल बहुत से प्रवासी कामगार जिन मुश्किलों का सामना करते हुए घर लौटे या लौट रहे हैं, उनके लिए उन मुश्किलों को भूलना आसान नहीं होगा. जब काम बंद हो गया था, तो बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार ना सिर्फ बेघर हो गए, बल्कि उन्हें आसानी से खाना तक नहीं मिल रहा था. इतना ही नहीं लॉकडाउन की वजह से उनका घर लौटना भी आसान नहीं था.

इस बीच जो कामगार किसी तरह घर लौटने में कामयाब हो गए, उनमें से अगर कोई पुरानी मुश्किलें भुलाकर काम पर लौटना भी चाहे तो भी यातायात की दिक्कत के चलते उसका जल्दी लौटना संभव नहीं दिखता.

सप्लाई चेन टूटी

देशभर में लागू लंबे लॉकडाउन की वजह से कई कारोबारों की सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा है. कारोबारों को कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर आगे के कई स्तर पर सप्लाई चेन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह ये है कि लॉकडाउन के बीच अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग छूट होने पर अभी भी कारोबारों के कई घटकों का काम बहाल नहीं हुआ है.

ट्रांसपोर्ट की दिक्कत, दफ्तर कैसे आएं-जाएं

रेड, ऑरेंज या ग्रीन, किसी भी जोन में मेट्रो को चलाने की अनुमति नहीं है. रेड और ऑरेंज जोन में तो बसों को भी अनुमति नहीं है. ऐसे में वहां फिलहाल ऐसे लोगों के लिए ऑफिस आना जाना संभव नहीं है, जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग और निजी वाहनों में सीमित यात्री संख्या के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कारपूल जैसे तरीके भी नहीं अपनाए जा सकते.

ग्रीन जोन में इंटर-डिस्ट्रिक्ट और इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट बसों को अनुमति दी गई है, हालांकि वो भी 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ चलेंगी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वर्किंग कैपिटल की कमी

लॉकडाउन के बीच कारोबारों को जो झटका लगा है, उसकी वजह से उन्हें वर्किंग कैपिटल की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है. खासकर MSME को.

लॉकडाउन के चलते अप्रैल में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर रही हैं. आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अप्रैल में गिरकर 27.4 अंक रह गया. यह मार्च में 51.8 अंक था. कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच पिछले 15 साल से किए जा रहे इस सर्वे के इतिहास में यह कारोबारी गतिविधियों में सबसे तेज गिरावट को दर्शाता है.

प्रवासी कामगारों के घर लौट जाने की वजह से कंपनियों को प्रशिक्षित लेबर की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उनकी लेबर कॉस्ट बढ़ सकती है. हालांकि पहले से ही बंद की मार झेल रही कंपनियों के लिए बढ़ी लेबर कॉस्ट के साथ काम बहाल करना आसान नहीं होगा क्योंकि उनको कम ब्याज दरों पर कैपिटल लोन मिलने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

असमंजस में कंपनियां

कई कंपनियां सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन जैसी शर्तों और सरकार के दिशा निर्देशों को लेकर काम शुरू करने में डर और असमंजस की स्थिति का सामना कर रही हैं.

इस बारे में चैंबर ऑफ इंडियन MSMEs के प्रसिडेंट मुकेश मोहन गुप्ता ने अंग्रेजी अखबार द इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि कई कारोबार अभी भी अपना काम शुरू करने से हिचक रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि चीजें निर्देशों से हिसाब न मिलने की सूरत में इन्स्पेक्शन के दौरान डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटीज सीलिंग न कर दें.

कुछ जगहों पर लॉकडाउन में अभी भी ढील नहीं

केंद्र सरकार की तरफ से छूट मिलने के बावजूद कई राज्यों में अभी भी लॉकडाउन में ढील नहीं दी गई है. लॉकडाउन के तीसरे फेज के ऐलान से पहले ही तेलंगाना ने सख्त लॉकडाउन 7 मई तक बढ़ा दिया था.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 मई को कहा कि प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन अगले दो हफ्ते जारी रहेगा और इस दौरान छूट संबंधी केंद्र के दिशा-निर्देश राज्य में लागू नहीं होंगे.

वहीं बिहार सरकार ने राज्य में किसी भी जिले को ग्रीन जोन के तहत मिल रही छूट न देने का फैसला किया है, जबकि केंद्र ने अपने नए क्लासीफिकेशन में बिहार के कई जिलों को ग्रीन जोन में रखा था.

लोगों के मन में डर, इसलिए अब भी वर्क फ्रॉम होम

देश में कोरोना वायरस के मामले अब भी तेजी से बढ़ रहे हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने 5 मई की शाम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि भारत में पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 3900 नए केस सामने आए हैं, जो 24 घंटे की अवधि में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. ऐसे में बहुत से लोग अब भी ऑफिस जाने से हिचक रहे हैं और वर्क फ्रॉम होम ही करना चाहते हैं. जब तक नए मामलों का सामने आना बहुत कम या बंद नहीं होता, तब तक लोगों के मन से डर जाना आसान नहीं होगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 05 May 2020,05:27 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT