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दुनियाभर में कोरोनावायरस के कहर से क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल पस्त हो गया है. बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव टूटकर जून 2017 के बाद के निचले स्तर पर आ गया है, जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का दाम अगस्त 2016 के बाद के निचले स्तर पर आ गया है.
इस कारोबारी हफ्ते के आखिरी सत्र में शुक्रवार को कच्चे तेल के दाम में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई. ब्रेंट क्रूड के दाम में दिसंबर 2008 के बाद सबसे ज्यादा एक दिनी गिरावट आई है, जबकि डब्ल्यूटीआई के दाम में नवंबर 2014 के बाद की सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट आई है.
ब्रेंट क्रूड का भाव इस साल के ऊंचे स्तर से अब तक करीब 37 फीसदी टूट चुका है. आठ जनवरी, 2020 को ब्रेट क्रूड का भाव 71.75 डॉलर प्रति बैरल तक उछला था, जबकि शुक्रवार को भाव 45.19 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक गिरा.
ब्रेंट क्रूड के दाम में जनवरी से लेकर अब तक 31 फीसदी, जबकि डब्ल्यूटीआई के दाम में 32 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं, भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के दाम में जनवरी से अब तक 28 फीसदी की गिरावट आई है.
तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक तेल उत्पादन में कटौती करने के लिए रूस को राजी करने में विफल रहा, जिसके कारण शुक्रवार को कच्चे तेल के दाम में अचानक भारी गिरावट आ गई.
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कच्चे तेल में इस समय फंडामेंटल्स काफी कमजोर हैं, क्योंकि आपूर्ति के मुकाबले मांग बहुत कम है, इसलिए कीमतों पर दबाव बना रहेगा.
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड का मई डिलीवरी अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र से 4.45 डॉलर यानी 8.90 फीसदी की गिरावट के साथ 45.54 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान ब्रेंट का भाव 45.19 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़का. वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई का अप्रैल डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 4.29 डॉलर यानी 9.35 फीसदी की गिरावट के साथ 41.61 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि सत्र के दौरान डब्ल्यूटीआई का भाव 41.05 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़का.
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