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आपका बिजली का बिल (Electricity Bill) सस्ता और महंगा दोनों होने वाला है. दिन के उजाले में सस्ता और रात में महंगा. इसके दो कारण एक है नया नियम (New Electricity Tariff Rules), दूसरा है कोयला (Coal). इस वीडियो में आपको बताएंगे कि नया नियम क्या है, आपका बिल कितना महंगा होगा? कब से नया नियम लागू होगा (Time of Day), कोयला क्यों महंगी बिजली का कारण बन सकता है? और आखिर में बिजली (Electricity) बचाने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका क्या है वो भी बताएंगे.
बिजली मंत्रालय ने हाल में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में बदलाव कर एक नया टैरिफ सिस्टम लॉन्च किया है. इसे टाइम ऑफ डे यानी टीओडी कहते हैं. इसका मतलब है कि अब समय के हिसाब से बिजली का रेट वसूला जाएगा. टीओडी के तहत सोलर आवर यानी दिन के समय जब सूरज निकला होता है तब आपको बिजली के रेट में डिस्काउंट दिया जाएगा और पीक आवर मतलब जब बिजली की डिमांड सबसे ज्यादा होती है यानी की रात के समय पर बिजली की दर महंगी होगी.
आसान भाषा में बताएं तो आगर आप दिन में 100 रुपये बिजली पर खर्च करते हैं तो आपको 20% डिस्काउंट के तहत बिजली 80 रुपये की पड़ेगी लेकिन आप रात में 100 रुपये की बिजली खर्च करते हैं तो आपको 110 रुपये देने होंगे और इंडस्ट्रीज को 120 रुपये देने होंगे. आप कहेंगे कि दिन में तो बिजली का उपयोग कम होता है और रात में ज्यादा, तो आप सही सोच रहे हैं. रात में जितना ज्यादा इस्तेामल करेंगे उतना ज्यादा बिल बनेगा.
लेकिन जो ग्राहक एग्रीकल्चर के हैं यानी खेती-बाड़ी वाले किसान उन्हें इस नियम से दूर रखा गया है, उनके लिए जो नियम अभी लागू हैं वही लागू रहेंगे. एग्रीकल्चर थोड़ा सेंसेटिव मामला है, मॉनसून पर निरभर्ता अधिक रहती है इसलिए इस नियम से खेती को बाहर ही रखा गया है.
कमर्शियल और इंडस्ट्रीज के लिए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो जाएंगे.
आम ग्राहकों के लिए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे.
लेकिन इसके लिए सरकार को अभी और ज्यादा तैयारियां करनी होगी. क्योंकि अभी जो मीटर आपके घर पर लगेगा उसके साथ ये नियम लागू नहीं हो पाएगा. इस नियम के लिए सरकार को नए स्मार्ट मीटर लगवाने होंगे. स्मार्ट मीटर के कई फायदें हैं. आप एग्जेक्टली कितनी बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं इन सबकी रीडिंग होती रहेगी. अभी बहुत कम लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं अधिकतर के घरों में लगाना बाकी है.
सरकार इस नियम को इसलिए ला रही है ताकी रात के समय बढ़ रही बिजली की डिमांड को थोड़ा कम किया जा सके. देश में लगातार बिजली की डिमांड बढ़ रही है. खासकर सूरज ढलने के बाद. डिमांड बढ़ने में हमारी डबल डिजिट की ग्रोथ है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि, जनवरी 2023 में हमने 12600 करोड़ यूनिट का इस्तेमाल किया, जनवरी 2022 में 11,100 करोड़ यूनिट और जनवरी 2021 में 10,900 करोड़ यूनिट बिजली.
इस नियम के अलावा कोयला भी एक और कारण है जिसकी वजह से बिजली महंगी हो रही है और आने वाले समय में और होगी. बिजली की डिमांड बढ़ने से सरकार को कोयला इंपोर्ट करना पड़ गया. इंपोर्टेड कोयले ने बिजली बनाने की लागत बढ़ा दी है. केंद्र ये अधिसूचना पहले ही जारी कर चुका है कि इस बढ़ती लागत का पैसा ग्राहकों से वसूला जाए. ऑलरेडी आप इसका असर दिल्ली और मुंबई में देख रहे हैं. यहां रेट बढ़ गए हैं.
कोल इंडिया दुनिया में कोयला उत्पादन की बड़ी कंपनियों में से एक है और कोल इंडिया की एक तरह से कोयले उत्पादन में मोनोपॉली भी है, यानी कोल इंडिया ही कोयले का उत्पादन करता है तो कीमतें भी जाहिर तौर पर वही फिक्स करेगा. कोयले की खदाने जो लीज पर दी गई हैं वो उसमें से अधिकतर कोल इंडिया की ही है. वैसे तो बिजली बनाने में हम पूरी तरह से कोयले पर ही निर्भर नहीं है लेकिन फिर भी ये सभी संकेत कोयले के दाम बढ़ने की तरफ इशारा करते हैं जिसका कुछ न कुछ असर आप अपने बिजली के बिल पर जरूर देखेंगे. बिजली बचाना चाहते हैं तो सोलर पैनल एक बहुत अच्छा और सस्ता उपाय है, इसके बारे में फुल डिटेल्स जानने के लिए डिस्क्रिप्शन में एक वीडियो की लिंक है उसे जरूर देखें.
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