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सरकार बिल्कुल छोटे उद्योगों, छोटे किसानों, दस्तकारों और कारीगरों का कर्जा माफ कर सकती है. इस स्कीम पर काम शुरू हो चुका है. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक सालाना 60 हजार रुपये तक की आय वालों और 35 हजार या इससे कम के लोन लेने वालों का लोन माफ हो सकता है. इस दायरे में 20 हजार रुपये या इससे कम कीमत की संपत्ति वाले भी आएंगे.
कॉरपोरेट अफेयर्स सेक्रेट्री इंजेति श्रीनिवास ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि यह स्कीम छोटे किसानों, बेहद छोटे एंटरप्राइज, दस्तकारों और अन्य लोगों को लिए लाई जाएगी. यह स्कीम इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोर्ड यानी IBC में किए गए बदलाव का हिस्सा बनेगी. नई सरकार के गठन के बाद यह योजना लागू हो सकती है. 23 मई को लोक सभा चुनाव का परिणाम आने के बाद मई आखिर तक नई सरकार के गठन की संभावना जताई जा रही है.
श्रीनिवास ने कहा कि इस स्कीम के तहत 20 हजार करोड़ रुपये से कम खर्च होगा लेकिन छोटे कर्ज लेने वाली बड़ी आबादी को इससे फायदा होगा. श्रीनिवास के मुताबिक IBC के तहत ही इस स्कीम को ऑनलाइन किया जा सकता है.
अगर एप्लीकेशन देने वाला यह साबित कर दे कि उसकी इनकम लोन माफ करने के दायरे में है तो उसे यह सुविधा मिल सकती है. अगर कोई शख्स इस स्कीम का लाभ नहीं लेना चाहता तो उसे इसका फायदा न उठाने का भी ऑप्शन मिलेगा. क्योंकि हो सकता है कि लोग कर्ज माफी के ऑप्शन को क्रेडिट हिस्ट्री पर असर से जोड़ कर देखें. इसके लिए इनसॉल्वेंसी एडं बैंकरप्सी कोड IBC यानी दिवाला कानून में बदलावों किया जा सकता है. अभी दिवालिया कानून में छोटे कर्जदारों के लिए अलग नियम नहीं हैं. .
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