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सरकार मंगलवार को देश में कैश संकट की खबरों के आने के साथ ही तुरंत हरकत में आ गई. देश के कई हिस्सों में नकदी संकट की खबरों के आने के बाद आर्थिक मामलों के मंत्रालय के सचिव सुभाष गर्ग ने भरोसा दिलाया कि सरकार ने पांच गुना करेंसी नोट छापने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं.इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला और फिर इसके तुरंत बाद आरबीआई की बयान आ गया कि कि देश में कैश का कोई संकट नहीं है. बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में कैश है. सिर्फ कुछ एटीएम में ही लॉजिस्टिक दिक्कतों के कारण नोट नहीं निकल रहे थे.
गर्ग ने कहा कि नोटों की मांग में अचानक तेज इजाफा हुआ है. इस मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कैश सप्लाई की जा रही है. इस वक्त हर दिन 2,500 करोड़ रुपये के 500 के नोट छापे जा रहे हैं. इससे महीने 70 से 75 हजार करोड़ नोट बाजार में आ जाएंगे. इससे पहले बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा था कि सिस्टम में 500 रुपये के नोटों की कमी है और यह पांच-सात दिन में पूरी कर ली जाएगी.
अरुण जेटली ने तुरंत ट्वीट कर हालात संभालने का भरोसा दिलाया
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा
गर्ग ने कहा कि सरकार 2000 रुपये की होर्डिंग करने के मामलों की जांच नहीं कराई है. लेकिन आप यह मान कर चल सकते हैं हाई वैल्यू की वजह से 2000 के नोटों की होर्डिंग हो सकती है. गर्ग ने कहा कि सरकार कुल करेंसी का छठा हिस्सा सर्कुलेशन में डालती है.
सरकार के पास इस तरह के संकट से जूझने की पूरी तैयारी है. खास कर जब नोटों की मांग अचानक दोगुना हो जाए. उन्होंने कहा कि सरकार अब भी पांच राज्यों में नकदी की कमी की वजहों की समीक्षा कर रही है. कर्नाटक में चुनाव नोटों की मांग में अचानक आई तेजी की एक मात्र वजह नहीं हो सकती. सोमवार को इस संकट की समीक्षा के लिए सरकार और रिजर्व बैंक के अधिकारियों की बैठक हो चुकी थी.
इनपुट - ब्लूमबर्ग क्विंट
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