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नए साल 2022 के 1 जनवरी से जीएसटी (GST) से संबंधित कानूनों में सरकार कुछ बदलाव करने जा रही है, जिसके बाद कुछ मामलों में वसूली करने वाले अधिकारी व्यापारियों से बिना किसी नोटिस के जीएसटी वसूली करने पहुंच सकते हैं.
नए नियमों के मुताबिक अगर फॉर्म में दिखाया गया टैक्स इनवॉइस में दिखाए गए चालान से कम है, तो जीएसटी अधिकारी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ कदम उठा सकते हैं.
जीएसटी सिस्टम के तहत दो प्रकार के रिटर्न GSTR-1 और GSTR-3B हैं. अगर कंपनी का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रूपए से अधिक है तो हर महीने कंपनी को रिटर्न भरना होता है.
पहला रिटर्न GSTR-1 है, जो बिक्री की इनवॉइस से संबंधित है और दूसरा GSTR-3B जीएसटी देने के सारांश से संबंधित है.
GSTR-1 ट्रांजैक्शन के अगले महीने की 11 तारीख तक फाइल करना होगा और GSTR-3B अगले महीने की 20 तारीख तक फाइल किया जाएगा.
नए नियमों के मुताबिक अगर किसी ने GSTR-1 में 1 करोड़ रुपये के चालान की सूचना दी है, लेकिन GSTR-3B में केवल 1 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन दिखाया गया है, तो सरकार 99 लाख रूपए पर जीएसटी की वसूली करने के लिए अधिकारियों को भेज सकती है.
गौर करने वाली बात ये है कि ऐसे मामलों में वसूली से पहले सरकार की तरफ किसी भी प्रकार की नोटिस नहीं भेजी जाएगी.
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने बताया कि अब ऐसे मामलों में सरकार केवल यह कहेगी कि आपने कभी टैक्स नहीं भरा, इसिलए आपको अपनी बात कहने के लिए मौका या किसी भी तरह की नोटिस दिए जाने की आवश्यकता नहीं है.
नए साल से लागू हो रहे नियम में क्लबों पर भी कुछ प्रावधान किए गए हैं. अगर क्लबों के मेंबर्स से कलेक्ट किया गया पैसा चैरिटी के अलावा किसी अन्य तरह के कामों में प्रयोग किया जाता है, तो उस पर भी जीएसटी देना होगा.
मोहन कुमार ने कहा कि क्लबों द्वारा एकत्र किए गए पैसों पर जीएसटी लगाया जाना चाहिए या नहीं, इस पर अग्रिम निर्णय के लिए तमाम तरह की अथॉरिटीज के ढेर सारे विचार हैं.
जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक अगर विक्रेता नए साल से अपने फॉर्म GSTR-1 में खरीदारों को नहीं मेंशन करता है तो वो ट्रांजैक्शन के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं प्राप्त कर पाएंगे.
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