ICICI की साख पर सवाल,लेकिन बैंक चेयरमैन की चंदा कोचर को क्लीन चिट
ICICI बैंक ने चंदा कोचर पर पहली बार सफाई दी
अरुण पांडेय
बिजनेस न्यूज
Updated:
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बाएं से चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत
(फोटो: क्विंट)
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चंदा कोचर पर लोन के बदले रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के आरोपों से ICICI बैंक ऊपर से नीचे तक इस कदर हिल गया है कि बैंक के चेयरमैन एम के शर्मा को सामने आना पड़ा. उन्होंने सीईओ को क्लीन चिट दे दी है.
चेयरमैन शर्मा को लगता है कि आईसीआईसीआई बैंक की साख को खराब करने की साजिश हो रही है. उनके मुताबिक...
चंदा कोचर पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं. वीडियोकॉन को 20 बैंकों के समूह ने लोन दिया था जिसमें उनके बैंक का हिस्सा सिर्फ 10 परसेंट है. नू-पावर के प्रोमोटरों ने आईसीआईसीआई बैंक से कोई कर्ज नहीं लिया.
चंदा कोचर भी लोन कमेटी में थीं
बैंक के चेयरमैन एम के शर्मा के मुताबिक ये सच है कि वीडियोकॉन को लोन मंजूर करने वाली कमेटी में चंदा कोचर शामिल थीं, लेकिन वो इस कमेटी की अध्यक्ष नहीं थीं. साथ ही चंदा कोचर ने रिजर्व बैंक और बैंकिंग सेक्टर के कायदों के मुताबिक तमाम डिस्क्लोजर भी दिए थे.
इस मुद्दे पर कई दिनों से व्हाट्सएप पर अफवाहें चल रही थीं. लेकिन अखबार में खबर आने के बाद बैंक ने सफाई पेश की.
आईसीआईसीआई ग्रुप की एक कंपनी ICICI सिक्योरिटीज का आईपीओ भी पिछले हफ्ते खुला था जो पूरा नहीं भर पाया सिर्फ 88 परसेंट ही भर पाया था.
चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को लेकर छिड़ा विवाद क्या है
मामला चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़ा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आरोप है कि वेणुगोपाल धूत की वीडियोकॉन इंडस्ट्री को ICICI बैंक ने 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया.
दिसंबर 2008 में धूत और दीपक कोचर ने नू पावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड कंपनी बनाई. इसमें धूत और उनके रिश्तेदारों की 50 परसेंट और बाकी दीपक कोचर और उनके पिता और चंदा कोचर की भाभी की कंपनी पेसिफिक कैपिटल की थी.
जनवरी 2009 में धूत ने नू-पावर से डायरेक्टर पद छोड़ दिया और अपने 24,999 शेयर सिर्फ 2.5 लाख रुपए में दीपक कोचर की कंपनी को ट्रांसफर कर दिए
मार्च 2010 में नू पावर को सुप्रीम एनर्जी से 64 करोड़ रुपए को लोन मिला. सुप्रीम एनर्जी में धूत की 99.9 परसेंट हिस्सेदारी थी.
2010 में मार्च खत्म होते होते सुप्रीम एनर्जी नू-पावर में 94.99 परसेंट की हिस्सेदार बन गई.
नवंबर 2010 में धूत ने सुप्रीम एनर्जी में अपनी पूरी हिस्सेदारी अपने सहयोगी महेश चंद्रा पुंगलिया को ट्रांसफर कर दी.
सितंबर 2012 में पुंगलिया ने अपनी पूरी होल्डिंग 9 लाख रुपए में एक ट्रस्ट पिनेकल एनर्जी को ट्रांसफर कर दी जिसके मैनेजिंग ट्रस्टी दीपक कोचर थे.
कुल मिलाकर सुप्रीम एनर्जी जिसने नू-पावर को 64 करोड़ रुपए का लोन दिया था वो 3 साल के अंदर पिनेकल एनर्जी में मिल गई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस तरह कई ट्रांजैक्शन के जरिए दीपक कोचर को फायदा पहुंचा.
वीडियोकॉन को जो 3250 करोड़ का लोन आईसीआईसीआई बैंक ने दिया था उसका बड़ा हिस्सा 2810 करोड़ रुपए अभी भी नहीं चुकाया गया और एनपीए बन गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक धूत-कोचर-आईसीआईसीआई लोन का ये पूरा जाल जांच एंजेसियों के दायरे में आ गया है.
(इनपुट इंडियन एक्सप्रेस)
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