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ICICI की सीईओ चंदा कोचर का बैंकिंग सेक्टर में बड़ा रुतबा और रसूख

ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर बैंकिंग सेक्टर का बड़ा नाम

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भारत
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ICICI बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर विवादों में हैं. आरोप लगा है कि वेणुगोपाल धूत की वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपए के लोन के बदले कोचर के पति को कौड़ियों के भाव में करोड़ों की कंपनी मिल गई.

चंदा कोचर भारतीय बैंकिंग सेक्टर का बहुत बड़ा नाम हैं. 56 साल की कोचर को भारत में रिटेल बैंकिंग में नए नए प्रयोग करने के लिए जाना जाता है. आईसीआईसीआई बैंक को छोटे छोटे शहरों तक पहुंचाने और रिटेल लोन का दायरा बढ़ाने के लिए उनका योगदान माना जाता है.

चंदा कोचर ने 1984 में आईसीआईसीआई लिमिटेड ज्वाइन किया था. 1990 के दशक में आईसीआईसीआई बैंक बना जिसके लिए उनकी बड़ी भूमिका रही.

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चंदा कोचर का करियर

चंदा कोचर लंबे वक्त तक ICICI बैंक के इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और कॉरपोरेट बैंकिंग बिजनेस की प्रमुख रहीं. 2001 में उन्हें बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल कर लिया गया.

इसके बाद 2006-2007 में चंदा कोचर को बैंक के कॉरपोरेट और इंटरनेशनल बैंकिंग बिजनेस की कमान दी गई.

2007 में उन्हें कंपनी का ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बनाया गया. इसके बाद चंदा कोचर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा वो 2009 में बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर बनाई गईं. उनके पास बैंक के भारत और विदेश में बिजनेस की पूरी जिम्मेदारी आ गई.

कोचर को 2011 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मभूषण दिया गया.

चंदा कोचर लगातार 7 साल तक दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की फोर्ब्स की लिस्ट में शुमार होती रही हैं. इसके साथ ही उन्हें फॉर्च्यून इंडिया में कारोबार जगत की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में लगातार 5 साल तक जगह मिली है.

उन्हें 2015 में टाइम मैगजीन की दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में रखा गया था.

चंदा कोचर को हर बड़े फोरम में जगह

  • भारत-जापान बिजनेस लीडर्स फोरम
  • अमेरिका-भारत सीईओ फोरम
  • बोर्ड ऑफ ट्रेड
  • इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की डिप्टी चेयरमैन
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एकेडेमिक जगत में भी रुतबा

  • IIIT वडोदरा के बोर्ड ऑफ गवर्नर की चेयरपर्सन
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट की मेंबर
  • इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस मेंबर
  • इंटरनेशनल मॉनेटरी कॉन्फ्रेंस की प्रेसिडेंट भी रह चुकीं है

इसके अलावा चंदा कोचर प्रधानमंत्री की ट्रेड और इंडस्ट्री काउंसिल की मेंबर भी रही हैं. उन्हें 2011 में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की सालाना बैठक की CO-Chair भी रही हैं.

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