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आईसीआईसीआई बैंक बैड लोन कम प्रोविजिनिंग और ऊंची ब्याज दरों की की वजह से मुनाफे में लौट आया है. लेकिन पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में इस वित्त दूसरी तिमाही में इसका मुनाफा 56 फीसदी गिरा है.
आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका मुनाफा 909 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुनाफे से 56 फीसदी कम है. लेकिन ब्लूमबर्ग जिन विश्लेषकों को ट्रैक करता है उन्होंने इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 950 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया था.
पिछली तिमाही में आईसीआईसीआई ने पहली बार घाटा दर्ज किया था. यह 2001 के बाद आईसीआईसीआई बैंक का पहला घाटा था. अपने बैड लोन के लिए ज्यादा प्रोविजिनिंग की वजह से इसने घाटा दर्ज किया था.
आईसीआईसीआई बैंक के नतीजे की अहम बातें
ताजा वित्तीय नतीजों के मुताबिक बैंक के कोर इनकम यानी नेट इंटरेस्ट इनकम में 12.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़ कर 6418 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. यह 6163 करोड़ के अनुमानित इंटरेस्ट इनकम से ज्यादा है.
जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान आईसीआईआई बैंक की एसेट क्वालिटी बेहतर हुई है. बांबे स्टॉक एक्सचेंजमें आईसीआईसीआई बैंक का शेयर शुक्रवार को 1.45 फीसदी गिर कर 315.05 रुपये पर बंद हुआ.
बैंक को दूसरी तिमाही में यह मुनाफा ऐस वक्त हुआ जब सीईओ चंदा कोचर वीडियोकॉन मामले में जांच की वजह से छुट्टी पर चली गई थीं. इसके बाद उन्होंने इस्तीफे दे दिया था. चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन को लोन दिया और इसके बदले उनके पति की कंपनी को फायदा हुआ. हितों के टकराव के इस मामले की वजह से हाल के दिनों में आईसीआईसीआई बैंक के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल खड़े हुए थे.
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